महिमा चौधरी अपने करियर में ऊंचाइयां छू रही थीं, जब जिंदगी ने उन्हें झटका दिया. पूरा स्टारडम रातोरात खत्म हो गया. एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. बता दें कि महिमा चौधरी ने शाहरुख खान के साथ फिल्म परदेस से बॉलीवुड में कदम रखा था. लेकिन एक कार एक्सीडेंट के बाद महिमा के चेहरे पर काफी चोटें आईं और उन्हें कई दिनों के लिए ब्रेक लेन पड़ गया. हालांकि महिमा ने कमबैक किया और कामयाब भी रहीं.
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान महिमा चौधरी ने शादीशुदा जीवन की मुश्किलों के बारे में खुलकर बात की. साथ ही डिवोर्स, बेटी की कस्टडी और डिप्रेशन से कैसे निकलीं, इस पर बताया.
महिमा कहती हैं कि शादी टूटने के पीछे कई छोटी-छोटी वजहें रहीं. पति संग मेरी कई बातों को लेकर बहस हो जाती थी. इन बातों के बारे में मैं घर पर किसी को नहीं बताती थी. इसके बाद मेरे दो मिसकैरेज भी हुए.
महिमा कहती हैं कि शायद मैं अंदर से खुश नहीं थी या मैं एक हैप्पी स्पेस में नहीं थी, इसके कारण ऐसे हुआ. मैं शोज करना चाहती थी. मैं अपनी बेटी को मां के घर पर छोड़ती थी तो मुझे वहां रहना अच्छा लगता था.
महिमा ने कहा कि मैं वहां आरामदायक महसूस करती थी. मैं परेशान थी तो मेरी मां और बहन ने साथ दिया. मुझे लगा मेरे बच्चे के ग्रो करने के लिए यह जगह बेहतर साबित हो सकती है.
महिमा आगे कहती हैं कि जब मेरे मिसकैरिज हुए तो मुझे पति का सपोर्ट नहीं मिला. कई बार लोग इनसेंसिटिव हो जाते हैं. मेरी मां ने मेरा बहुत साथ दिया. जब मैं इवेंट्स के लिए बाहर जाती थी तो वह बेटी की जिम्मेदारी उठाती थीं. उन्हें पार्किंसन की समस्या थी, उसके बावजूद.
महिमा कहती हैं कि मेरे भाई ने बताया कि मां के पास अब कुछ साल हैं, वह फेज मेरे लिए काफी डिप्रेस्ड रहा. कोई मुझे कुछ भी बोलता था, फिर वह छोटी-सी बात भी क्यों न हो, मैं रोने लगती थी.
बेटी की कस्टडी पर बात करते हुए महिमा ने कहा कि जब मैं बाहर जाती थी तब वह आता था और बोलता था कि मैं अपनी बेटी को लेकर जा रहा हूं. लेकिन जब मैं मुंबई में होती थी तो वह पूछता भी नहीं था. बेटी को वह कहां लेकर जाता था मुझे नहीं पता होता था.
महिमा ने कहा कि मैं कई ड्राइवर्स को कॉल करती थी और पूछती थी कि क्या साहब आपके साथ हैं? फिर जब मुझे पता चलता था तो मैं कॉन्टैक्ट करती थी. मैं इन चीजों को बार-बार करते तंग आ चुकी थी. मेरी दोस्त पूजा ने मेरी मदद की. उसने कहा कि तुम्हें ये सब बंद करना होगा. कोर्ट जाओ और चीजें करनी शुरू करो.
महिमा ने आगे कहा कि मैंने सतीश मानाशिंदे से बात की, वह डिवोर्स नहीं बल्कि क्रिमिनल लॉयर हैं, मैंने उन्हें सब बताया. उन्होंने तसल्ली दी. मुझे पता चला था कि वह एक एक्स्पेंसिव वकील हैं, जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं आपसे कोई चार्ज नहीं लूंगा, आप स्ट्रेस में हैं और मुझे वह लोग पसंद नहीं जो महिला की इज्जत करना न जानते हों. एक ही मीटिंग के बाद मेरे पति सीधे हो गए थे, मैं केवल शांति चाहती थी.