बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा स्टारर फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर 22 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. फिल्म का ट्रेलर जारी किए जाने के बाद से ही ये फिल्म सुर्खियों में बनी हुई है. हालांकि ट्रेलर की शुरुआत में ही डिसक्लेमर डाला गया है लेकिन बावजूद इसके लगातार ऐसा कहा जा रहा है कि फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की जिंदगी पर आधारित है. चलिए जानते हैं वो वजहें जिनके चलते इस फिल्म को मायावती की जिंदगी से प्रेरित माना जा रहा है.
ऋचा चड्ढा का किरदार-
फिल्म में ऋचा चड्ढा को एक दलित लड़की के तौर पर दिखाया गया है जो बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर से प्रेरित है और उनकी तरह बनना चाहती है. फिल्म में ऋचा चड्ढा के लुक से लेकर उनके उनकी आवाज तक हर चीज को मायावती के काफी सिमिलर रखा गया है.
रख ली भाई साब.... तो रख ली-
फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि ऋचा चड्ढा घर से भाग आई एक लड़की हैं जिन्हें मास्टर साहब नाम का एक शख्स अपने पास रख लेता है. वह उन्हें अपने पास रखकर ही राजनीति के तमाम गुर सिखाता है. ये सारी बातें मायावती के जीवन में कांशीराम की भूमिका से काफी हद तक मेल खाती हैं.
दलितों को बढ़ावा देना क्या गलत है?
फिल्म में दिखाया गया है कि ऋचा चड्ढा का किरदार दलितों की जमकर मदद करता है. वह दलितों को मंदिर में प्रवेश कराने से लेकर दलित लड़कियों में साइकिल बंटवाने जैसे काम करती हैं. हिंदूवादी और सवर्ण जाति वाले राजनीतिक दलों के बीच जिस तरह दलितों को बढ़ावा देते हुए फिल्म के लीड किरदारों को दिखाया गया है ये सारे सीक्वेंस याद दिलाते हैं कि किस तरह मायावती की सरकार में दलितों को बढ़ावा और बल मिला था.
यूपी में गढ़ा गया है पूरा प्लॉट
फिल्म का पूरा प्लॉट उत्तर प्रदेश में गढ़ा गया है और फिल्म में ऋचा चड्ढा के किरदार को दलित दिखाए जाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की कद्दावर मुख्यमंत्री बनते हुए दिखाया गया है. मालूम हो कि दलित छवि वाली मायावती भी वो महिला कैंडिडेट थीं जो उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री बनी थीं.
1995 गेस्ट हाउस कांड
साल 1995 में उत्तर प्रदेश सरकार के गेस्ट हाउस कांड की झलक भी फिल्म के ट्रेलर में मिलती है. इसी तरह के कई कारण हैं जिनके चलते फिल्म को मायावती की सेमी बायोपिक बताया जा रहा है.