Panchayat Aaj Tak UP 2021: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आगामी चुनाव में अयोध्या में बन रहा राम मंदिर भी अहम मुद्दा होगा. 'पंचायत आजतक' कार्यक्रम में 'क्या अयोध्या बनेगा वेटिकन' सत्र में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम, बीजेपी नेता विनय कटियार और राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने शिरकत की. कार्यक्रम में प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अयोध्या के समकक्ष दुनिया में न कोई नगरी है और न हो सकती है.
कार्यक्रम में प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अयोध्या करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. भगवान राम का मंदिर बने और अयोध्या का विकास हो, इसकी कामना लंबे समय से की जा रही थी. अब यह शुभ घड़ी आई है. जहां भगवान श्री राम की जन्मभूमि के विकास का सवाल है, उस पर किसी को चिंता और चिंतन की जरूरत नहीं है. जहां भगवान श्री राम हैं, वहां अपने आप सभी काम बन जाते हैं.
उन्होंने कार्यक्रम में आगे कहा, ''भव्यता की दृष्टि से अयोध्या में जो भी काम किया जा रहा है सरकार और ट्रस्ट के जरिए से वह अच्छी बात है. लेकिन दिव्यता, आस्था की दृष्टि से अयोध्या की जो मिट्टी है, वह भी इस शीशमहल से ज्यादा कीमती है.'' उन्होंने सवाल किया कि आखिर विपक्ष के किसी नेता ने यह कब कहा कि अयोध्या में राम मंदिर न बने? भगवान श्री राम को किसी एक पार्टी, जाति या वर्ग या धर्म से जोड़ना ठीक नहीं है. भगवान राम के जन्मभूमि का मंदिर बन रहा है, जिसकी सभी को खुशी है. किसी भी शहर, किसी भी जगह से अयोध्या की तुलना करना व्यर्थ है, क्योंकि अयोध्या के समकक्ष पूरे विश्व में न कोई नगरी है और न ही हो सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि जो-जो सरकार आती हैं, उनका फर्ज होता है कि जहां जनता की भावनाएं हों, उनका विकास कराया जाए. आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और वह साधु भी हैं. ऐसे में राम जन्मभूमि का निर्माण और अच्छी तरह से हो रहा है. इसके लिए हम उन्हें साधुवाद देते हैं.
'अयोध्या में निर्माण में लग सकता है समय'
वहीं, अयोध्या में चल रहे निर्माण कार्य पर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि इसमें समय लग सकता है. कई गांवों का अधिग्रहण हो रहा है. वहां कच्ची सड़कें भी बनती हैं, जिसमें लोग नंगे पैर चलते हैं. उसी तरह की स्थिति बनाई जाएगी. निर्माण पूरा होगा और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, ''अयोध्या में भगवान श्री राम विराजमान हैं और इसी के अनुरूप वहां पर विकास हो रहा है. अपने राज्य के अनुसार लोगों को भोजन अयोध्या में मिले, उसकी व्यवस्था हो रही है. निर्माण में समय लगता है. छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा हटाने में समय नहीं लगा और यह भी सच है कि हटता नहीं तो राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत नहीं होती और यह सपना साकार नहीं होता.''