
उत्तर प्रदेश की 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग खत्म हो चुकी है. शाम 6 बजे तक यूपी की 58 विधानसभा सीटों पर 60.17 फीसदी मतदान हुआ. सबसे ज्यादा मतदान कैराना (75.12) में और सबसे कम साहिबाबाद (45%) में हुआ है. पहले चरण में 623 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. इस बार वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने मतदान को एक घंटे बढ़ाने का फैसला किया है. 58 सीटों में से 12 सीटें संवेदनशील हैं. ये सीटें खैरागढ़, फतेहाबाद, आगरा दक्षिण, बाह, छाता, मथुरा, सरधना, मेरठ शहर, छपरौली, बड़ौत, बागपत और कैराना हैं. पहले चरण में 898 मोहल्ले और 5535 पोलिंग सेंटर संवेदनशील रखे गए हैं.
सुरक्षाबलों की 796 कंपनियां रहेंगी तैनात
पहले चरण में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 796 कंपनियां तैनात की गई हैं. इनमें से 724 कंपनियां बूथ ड्यूटी पर. 15 कंपनियां स्ट्रॉन्ग रूम सिक्योरिटी पर और 5 कंपनियां ईवीएम सिक्योरिटी पर, जबकि 66 कंपनियां लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके अलावा यूपी पुलिस की ओर से PAC की 27 कंपनियां पहले चरण में तैनात की गई हैं. पुलिस के 9464 इंस्पेक्टर और एसआई रैंक अधिकारी, 59030 कॉन्स्टेबल, 48,136 होमगार्ड , 505 पीआरडी जवान और 6061 गांवों के चौकीदार को पहले चरण की चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है.
58 सीटों पर 623 उम्मीदवार मैदान में, इनमें से 25% दागी
पहले चरण में 58 सीटों पर 623 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. एडीआर ने इनमें से 615 उम्मीदवारों के हलफनामों का एनालिसिस किया है. इनमें से 25% यानी 156 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 20% उम्मीदवारों यानी 121 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
सपा के 75% उम्मीदवार दागी
पहले चरण में सपा के सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवारों में से 21 (75%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बाद दूसरा नंबर आरएलडी का आता है. आरएलडी ने 57 उम्मीदवारों में से 29 यानी (51%) दागियों को टिकट दिया है. इसके अलावा बीजेपी के 58 उम्मीदवारों में से 36% यानी 21 उम्मीदवार दागी हैं. वहीं, बसपा के 56 में से 19 और आम आदमी पार्टी के 52 में से 8 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पहले चरण में योगी सरकार के 9 मंत्री मैदान में
पहले चरण में योगी सरकार के 9 मंत्री मैदान में हैं. सुरेश राणा (थाना भवन), श्रीकांत शर्मा (मथुरा), संदीप सिंह (अतरौली), अतुल गर्ग (गाजियाबाद), अनिल शर्मा (शिकारपुर), कपिल देव अग्रवाल (मुजफ्फरनगर), दिनेश खटीक (हस्तिनापुर), डॉ जीएस धर्मेश (आगरा कैंट), लक्ष्मी नारायण (छाता) से चुनाव मैदान में हैं.
पहले चरण की ज्यादातर सीटें बीजेपी के पास थीं
पहले चरण में जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं वो कभी बसपा, फिर सपा का गढ़ रही हैं. लेकिन पिछले चुनाव में जाटलैंड की आब-ओ-हवा और समीकरण कुछ ऐसे बदले कि बीजेपी का इन सीटों पर कब्जा हो गया.
पहले चरण में सबसे ज्यादा चर्चा जयंत चौधरी की
लेकिन इस बार पहले चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख और चौधरी चरण सिंह के उत्तराधिकारी जयंत चौधरी की है. आरएलडी का हमेशा से जाट वोटरों पर प्रभाव रहा है. मुस्लिम जाट कॉम्बिनेशन की चर्चा पूरे पश्चिमी यूपी में रही है. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 2017 चुनाव में जाट वोट बीजेपी की झोली में आ गया था. लेकिन अब बदले सियासी समीकरण में जयंत चौधरी का प्रभाव नजर आ रहा है.
जयंत के सामने तमाम चुनौतियां
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल के मुताबिक, अजीत सिंह के गुजर जाने के बाद जयंत चौधरी के सामने लगातार इस बात की चुनौती है कि राजनीतिक पहचान बनाए रखें. इसके साथ ही इस बात की भी चुनौती है कि परम्परागत जाट वोटों पर अपनी पकड़ बनाए रखें. हालांकि अभी तक उसके लिए जयंत बहुत जद्दोजहद करते दिख रहे हैं. ऐसे में उनका हर कदम उनके प्रभाव और राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा.
2017 में क्या थे इन 58 सीटों के नतीजे ?
2017 चुनाव नतीजों की बात करें तो जिन 58 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो रहा है, उनमें से 53 पर बीजेपी को जीत मिली थी. जबकि 2-2 सीटों पर बसपा और सपा ने जीत हासिल की थी. वहीं, 1 सीट रालोद के कब्जे में गई थी.
गौतमबुद्ध नगर : ड्रोन कैमरों से होगी निगरानी
गौतमबुद्ध नगर में पुलिस और प्रशासन के अफसर भी लगातार तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. गौतमबुद्ध नगर में 3 विधानसभा आती हैं. जिसमें नोएडा दादरी और जेवर विधानसभा शामिल हैं. मतदान के लिए गौतमबुद्ध नगर में 54 कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया गया है. 8 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी, 3 हजार से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं. 15 ड्रोन कैमरों से सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है.

नोएडा: 243 मॉडल बूथ बनाए गए
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पहली बार 243 मॉडल बूथ बनाए गए हैं. सभी बूथ पूरी व्यवस्था के साथ वोटिंग के लिए तैयार हैं.

इन नेताओं की साख भी दांव पर
- पहले चरण में राजनीति में लंबी पारी खेलने वाले अवतार सिंह भड़ाना, चौधरी बाबू लाल और उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य की भी परीक्षा होगी.
- यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली जिले के थाना भवन से भाजपा के उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ सपा-रालोद गठबंधन से अशरफ अली और बसपा के जहीर मलिक ताल ठोंक रहे है.
-ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक हैं. इस बार फिर वह चुनाव मैदान में हैं. इस बार उनकी लड़ाई फिर कांग्रेस के प्रदीप माथुर और बसपा के एसके शर्मा से होगी.
- गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ सपा-रालोद से विशाल वर्मा बसपा के कृष्ण कुमार और कांग्रेस के सुशांत गोयल मैदान में है.
- कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह अतरौली विधानसभा सीट से मैदान में है उनके खिलाफ सपा गठबंधन से वीरेश यादव बसपा से डाक्टर ओमवीर कांग्रेस से धर्मेंन्द्र कुमार चुनाव लड़ रहे है.
- भाजपा सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के खिलाफ रालोद के तेजपाल सिंह बसपा से सोनपाल सिंह और कांग्रेस से पूनम देवी मैदान में है.
- बुलन्दशहर की शिकारपुर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. इस सीट पर भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है। इस सीट से वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. यहां पर सपा रालोद गठबंधन ने किरनपाल सिंह, बसपा ने मोम्मद रफीक और कांग्रेस ने जियाउर रहमान के अपना प्रत्याशी बनाया है.
- मुजफ्फरनगर से योगी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ रालोद ने अजय, बसपा ने पुष्कर पाल और कांग्रेस ने सुबोध शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
- राज्यमंत्री दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा से मैदान में है. उनके खिलाफ सपा ने योगेष वर्मा तो बसपा ने संजीव कुमार जाटव वहीं कांग्रेस ने अर्चना गौतम को मैदान में उतारा है.
- समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश सरकार के खिलाफ सपा कुंवर चंद बसपा ने भारतेंदु अरूण और सिंकदर वाल्मिकी को प्रत्याशी बनाया है.