यूपी के गाजीपुर जिले की सात विधानसभा सीटों में से एक है जखनियां विधानसभा सीट. जखनियां विधानसभा सीट आरक्षित सीट है. यहां का तहसील मुख्यालय जखनियां ही है. इस विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कभी जीत नहीं मिली है. कृषि प्रधान इस विधानसभा क्षेत्र में ही प्राचीन सूफी परंपरा का भुड़कुड़ा मठ है. हथियाराम मठ और बुढ़िया माई का मंदिर भी इसी इलाके में हैं जहां असाध्य कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज किया जाता है. यहां की मुख्य समस्या बेरोजगारी है इसलिए यहां से पलायन भी खूब होता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
जखनियां विधानसभा सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये आरक्षित सीट समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गढ़ रही है. 1989 में जनता दल के राजनाथ, 1991 में जनता दल के गिरधारी राम, 1993 में बसपा के चंद्रशेखर, 1996 में बसपा के विजय कुमार विधायक निर्वाचित हुए थे. 2002 में बसपा के चंडी राम, 2007 में बसपा के विजय कुमार और 2012 में सपा के सुब्बा राम विधायक निर्वाचित हुए थे.
2017 का जनादेश
जखनियां विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने उम्मीदवार उतारा था. एसबीएसपी ने त्रिवेणी राम को उम्मीदवार बनाया था. त्रिवेणी राम ने इस सीट से जीत भी हासिल की लेकिन अब उनकी पार्टी एनडीए का अंग नहीं है.
सामाजिक ताना-बाना
जखनियां विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट को एससी-एसटी बाहुल्य सीट माना जाता है. अनुमानों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में यादव, राजभर और चौहान मतदाता चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यहां कुशवाहा, राजपूत, वैश्य, मुस्लिम, ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
जखनियां सीट से विधायक त्रिवेणी राम 2017 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए. त्रिवेणी राम का दावा है कि उनके कार्यकाल के दौरान इलाके में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य के साथ ही पेयजल को लेकर भी काफी कार्य हुए हैं. अब उनके पुराने सहयोगी यानी बीजेपी के लोग ही विधायक त्रिवेणी राम के दावों को खोखला बता रहे हैं.