बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय जोड़ने की मुहिम चला रखी है. सतीश चंद्र मिश्रा सूबे में जहां-जहां ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रहे हैं, वहां पर एक युवा लड़का उनके साथ साय की तरह साथ-साथ नजर आता है. यह लड़का कोई और नहीं सतीश चंद्र मिश्रा के बेटा कपिल मिश्रा है. माना जा रहा है कि सतीश मिश्रा अपने बेटे को ब्राह्मण सम्मलेन के जरिए सियासी तौर पर तराशने का काम कर रहे हैं.
कौन है कपिल मिश्रा
सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा पेशे से अपने पिता की तरह वकील हैं. एक दशक से ज्यादा का समय से वकालत के पेशे से जुड़े हैं. नोएडा के एमिटी विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई की है. कपिल मिश्रा इन दिनों यूपी में सतीश मिश्रा के साथ ब्राह्मण सम्मेलन के हर मंच पर बगल में खड़े दिखाई देते हैं.
हालांकि, किसी भी राजनीतिक मंच पर अभी तक कपिल मिश्रा संबोधित करते नजर नहीं आए हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर जरूर सक्रिय हैं और तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं. सतीश मिश्रा के कुल पांच बच्चों में चार बेटियां और एक बेटे हैं. ऐसे में कपिल मिश्रा अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने में जुटे हैं.
35 साल के कपिल मिश्रा अपने पिता सतीश चंद्र मिश्रा की विरासत संभालने में लगे हैं. वो फिर चाहे उनकी वकालत की विरासत को या फिर सियासी विरासत. हालांकि, खुद को कपिल मिश्रा ने अभी चुनावी सियासत से दूर रखा है, लेकिन युवाओं के बीच सक्रिय दिखाई दे रहे हैं.
युवाओं के बीच सक्रिय कपिल
कपिल मिश्रा यूथ कार्यक्रमों में शिरकत करना और युवाओं के बीच जाना पसंद करते हैं. पिता के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में भी हर जगह देखे जाते हैं. सतीश चंद्र मिश्रा का परिवार फिलहाल कपिल मिश्रा के लिए किसी भी सियासी महत्वाकांक्षा से इनकार कर रहा है, लेकिन जिस तरीके से सक्रिय हैं और पिता के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े हैं. वो राजनीतिक संकेत जरूर दे रहा है.
ब्राह्मण सम्मलेन में जिस तरह कपिल मिश्रा दिखाई दे रहे हैं वह साफ दिखा रहा है कि जैसे मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे बढ़ा रही है, वैसा ही कुछ सतीश कर रहे हैं. मायावती का सियासी वारिस आकाश आनंद को माना जा रहा है और वैसे वैसे ही कपिल मिश्रा सतीश चंद्र मिश्रा के सियासी वारिस के तौर पर बसपा में देख रहा है. ऐसे में सतीश मिश्रा अपने बेटे को ब्राह्मण सम्मेलन के बहाने उनका समाज के बीच परिचय भी करा रहे हैं.
बहरहाल, सतीश चंद्र मिश्रा के बाद अब पत्नी और बेटे का सियासत में सक्रिय होना बीएसपी के भीतर बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है और यह भी इशारा कर रहा है कि अब बीएसपी के भीतर सब कुछ छुपा ढका सा नहीं है बल्कि जो होगा लोगों के सामने दिखाई देगा.