यूपी चुनाव में सपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी को समर्थन देने और जिताने की अपील करने के 24 घंटे के अंदर ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यू-टर्न ले लिया है. नेता नरेश टिकैत ने अब कहा है कि हम चुनाव में किसी का भी समर्थन नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि बुढ़ाना विधानसभा सीट से टिकट की घोषणा होने के बाद लोकदल के गठबंधन प्रत्याशी राजपाल बालियान सिसौली के किसान भवन पहुंचे थे. यहां बैठक के दौरान नरेश टिकैत ने गठबंधन को अपना समर्थन देते हुए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की थी.
और क्या बोले थे नरेश टिकैत
नरेश टिकैत ने कहा, अच्छी तरह से इस चुनाव को लड़ो, ये आप लोगों की प्रतिष्ठा की बात है. ये सीट ऐतिहासिक सीट है, यह लोगों की परीक्षा की घड़ी है. गठबंधन से अलग जो कोई भी जाए उसे किसी तरह मनाओ. इस गठबंधन को सफल बनाओ. जय हिंद जय भारत.
जानिए, क्या दी सफाई
बाद में, नरेश टिकैत ने बयान पलट दिया और कहा कि हमारा किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को कोई समर्थन नहीं है. क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि हम किसी भी राजनीतिक दल को समर्थन नहीं देंगे. इसका उल्लंघन कोई भी किसान संगठन नहीं कर सकता है.
नरेश टिकैत ने बताया कि यहां तो पहले से ही हर पार्टी का आदमी आता रहता है. गठबंधन प्रत्याशी राजपाल बालियान भी आए थे. हम तो सभी को अपना आशीर्वाद देते हैं, इसमें कोई समर्थन वाली बात नहीं है. आशीर्वाद तो महेंद्र सिंह टिकैत भी देते आए हैं. राजपाल बालियान अच्छे आदमी हैं. अगर यहां भाजपा या बसपा वाले आ गए तो उन्हें क्या यहां से भगा दिया जायेगा, हम तो सभी को एक नजर से देखते हैं.
समर्थन वाले बयान पर ये सफाई देते हुए नरेश टिकैत ने आगे पार्टियों के घोषणा पत्र की बात भी कही. उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र के बाद देखा जाएगा कि किसानों के हिताें की बात कौन कर रहा है. देखा जाएगा कि किसके घोषणा पत्र में किसान और मजदूर वर्ग के लिए क्या अच्छी बात है.
केंद्रीय मंत्री ने की नरेश टिकैत से मुलाकात
नरेश टिकैत के इस बयान के जो सियासी गहमागहमी पैदा हुई उसके बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के क्षेत्रीय सांसद संजीव बालियान नरेश टिकैत से मिलने पहुंच गए. संजीय बालियान ने कहा कि वो उनके स्वास्थ्य का हालचाल जानने आए हैं और ये शिष्टाचार मुलाकात है. गौरतलब है कि ये दोनों नेता, बालियान खाप से हैं.
चुनाव पर क्या होगा असर?
नरेश टिकैत ने अपने बयान पर जरूर सफाई दे दी हो, लेकिन इससे पहले कृषि कानून वापसी होने तक वो खुलकर बीजेपी को वोट की चोट देने का आह्वान करते रहे हैं. ऐसे में उनके समर्थन वाले बयान का वेस्ट यूपी में असर भी दिख सकता है. खापों के प्रभाव के कारण हजारों लोग किसान आंदोलन से जुड़ गए थे. किसान आंदोलन के समय ही इस बात का प्रचार किया गया था कि किसान मोर्चा किसी भी दल को समर्थन नहीं देगा, लेकिन ये भी मुमकिन है कि नरेश टिकैत के समर्थन देने वाले बयान की गूंज गठबंधन समर्थकों द्वारा खूब प्रचारित और प्रसारित की जाएगी. जिसका उसे लाभ भी पहुंच सकता है.