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मैं प्रधानमंत्री बनूं या नहीं, ये सब बेमानी बाते हैं: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री बने या नहीं, यह सब बातें बेमानी है लेकिन मुद्दे की बात यह है कि महिलाओं और युवकों समेत सभी भारतीय महसूस करते हैं कि यह उनका देश है.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री बने या नहीं, यह सब बातें बेमानी है लेकिन मुद्दे की बात यह है कि महिलाओं और युवकों समेत सभी भारतीय महसूस करते हैं कि यह उनका देश है. महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर आए राहुल बुधवार को यहां एक इंजीनियरिंग कालेज में आदिवासी युवकों के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्हें प्रधानमंत्री बनने की शुभकामना देने वाले एक युवक की बात का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'मेरा प्रधानमंत्री बनना या नहीं बनना कोई मायने नहीं रखता. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यहां देश में जो भी हैं, खासतौर से महिलाएं और युवक महसूस करें कि यह उनका अपना देश है.'

युवकों का राजनीति की मुख्य धारा में आने का आह्वान करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि एक भी युवक ऐसा नहीं होना चाहिए जो कहता हो कि वह अपने देश में डरा हुआ है. राहुल गांधी ने कहा, 'मैं अगले दस सालों में आपके बीच से विधायक, पार्षद और सांसद और यहां तक कि प्रधानमंत्री भी, देखना चाहता हूं.'

महात्मा गांधी और हिटलर की तुलना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जर्मन तानाशाह चिल्लाता था क्योंकि उसमें विश्वास का अभाव था. लेकिन क्या गांधीजी कभी चिल्लाए? क्योंकि उनमें विश्वास था. महात्मा गांधी की तरह, बोलते समय विनम्रता बेहद आत्मविश्वास का प्रतीक है. विश्वास आक्रोश के रूप में नहीं दिखना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'किसी भी बात को आक्रामक रूप से कहने की जरूरत नहीं है. आप इसे प्यार से भी कह सकते हैं. बहुत लोग आपके साथ होंगे. राहुल गांधी ने कहा, 'यदि कोई भी, चाहे वह राहुल गांधी हो या पृथ्वीराज चव्हाण, यह कहता है कि वह आपसे अधिक जानता है तो वह झूठ बोल रहा है.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'मेरी आपसे अपील है कि, विशेषकर आदिवासी युवकों से कि राजनीति की मुख्यधारा में आएं. देश के युवकों के लिए मेरा संदेश है कि यहां के युवाओं में जो प्रतिभा और क्षमताएं हैं वे कहीं और नहीं हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि देश ने आजादी के बाद से जो तरक्की की है, उसके चलते आज भारत में कई अमीर लोग हैं. 50 से 70 साल पहले यहां एक भी धनी इंसान नहीं था. केवल महाराजा और ब्रिटिश लोग ही धनी थे.

राहुल ने कहा, 'मेरी सोच भारत में निर्भीक भारतीयों की है. मैं ऐसे ही भारत का निर्माण करना चाहता हूं. उन्होंने कहा, भारत दुनिया में सर्वाधिक प्रतिभाशाली राष्ट्र है. इस प्रतिभा का इस्तेमाल करें और अपने दृष्टिकोण में विनम्रता लाएं और एक दूसरे का सम्मान करें.

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