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तमिलनाडु: कांग्रेस-डीएमके में सीट बंटवारे पर नहीं हो पाया फैसला

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) व कांग्रेस ने शुक्रवार को चर्चा की तथा इस मुद्दे पर आगे और बातचीत का फैसला किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद व मुकुल वासनिक तथा तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ई.वी.के.एस. इलांगोवन के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि से मिला.

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करुणानिधि से मिले गुलाम नबी आजाद
करुणानिधि से मिले गुलाम नबी आजाद

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) व कांग्रेस ने शुक्रवार को चर्चा की तथा इस मुद्दे पर आगे और बातचीत का फैसला किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद व मुकुल वासनिक तथा तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ई.वी.के.एस. इलांगोवन के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि से मिला.

वार्ता में डीएमके की तरफ से करुणानिधि के अलावा, पार्टी के कोषाध्यक्ष एम. के. स्टालिन, वरिष्ठ नेता दुरईमुरुगन तथा राज्य सभा सदस्य कनिमोझी उपस्थित थीं. आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि सीटों के बंटवारे का मुद्दा उठा, लेकिन कुछ भी फैसला नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि पार्टियों ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कितनी सीटें देनी है, इसके लिए डीएमके को सोचने का और समय दिया गया है. आजाद ने कहा कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए डीएमके दो और पार्टियों से गठबंधन की उम्मीद कर रही है.

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वहीं, स्टालिन ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत सौहार्दपूर्ण रही. साल 2011 के चुनाव में काफी गुना-भाग करने के बाद डीएमके ने कांग्रेस को 63 सीटें दी थी.

डीएमके कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से साल 2013 में अलग हो गई थी. उसने नई दिल्ली पर आरोप लगाया था कि वह श्रीलंका संकट से अच्छी तरह निपट नहीं पाई. दोनों पार्टियों ने साल 2014 में तमिलनाडु में अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट नहीं मिली.

इनपुट..IANS.

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