केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चुनावी रैली में विवादित बयान देकर बुरे फंस गए हैं. चुनाव आयोग ने गडकरी के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन्हें
नोटिस भेजा है. आयोग ने गडकरी से आठ अक्टूबर तक जवाब मांगा है.
लातूर रैली में गडकरी के इस बयान पर मिला नोटिस
'अभी मैं आपके चेहरे को देख रहा हूं और चेहरे को पढ़कर भविष्य बताने का थोड़ा हुनर मुझमें है. अगले दस दिनों में आपके पास लक्ष्मी दर्शन का योग है. खास लोगों को विदेशी ब्रांड मिलेगा. साधारण लोगों को लोकल ब्रांड. मैं सही कह रहा हूं ना? बुजुर्ग महिलाओं को साड़ी, युवकों को पैंट शर्ट..
महंगाई के इस दौर में एक बात ध्यान में रखें. खाना चाहें जो मन करे खाएं. जो पीना चाहे पीएं. जो रखने का मन करें रख लें. यही समय है जब गैरकानूनी तरीके से कमाया गया पैसा गरीबों तक पहुंच सकता है. इसलिए लक्ष्मी को ना मत कहना. लेकिन वोट देते वक्त जरूर सोचना. आपका वोट महाराष्ट्र के विकास के लिए होना चाहिए.'
गडकरी ने कहा था कि वोटर सभी से पैसे लें लेकिन वोट सिर्फ बीजेपी को दें. उन्होंने कहा था, 'बस एक बात याद रखना कि जिनको खाना है खाओ, पीना है पियो. जो मिलने वाला है, सब ले लो (दारू, पैसे, भोजन). हराम की कमाई गरीबों को मिलने का यही तो समय है. लक्ष्मी को ना मत बोलना. मगर चुनाव में बीजेपी को वोट करना न भूलना.'
मीडिया पर भी विवादित बयान
इसके अलावा गडकरी ने मीडिया पर भी विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि
चुनावी मौसम में पत्रकारों के चेहरे पर खुशी है क्योंकि लक्ष्मी आने वाली
है. गडकरी ने ये विवादित बयान महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग की चुनावी सभा में
दिया. गडकरी ने कहा, 'टीवी चैनल, अखबार, संपादक, रिपोर्टर और मालिकों को
अलग-अलग पैकेज मिलेगा. अगले 10 दिनों तक जितना लूटना है, लूट लो. तहकीकात
होने पर सब कमाया हुआ पैसा गरीबों के लिए बाहर निकलेगा.'