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सत्ता के लिए खून के आंसू रुलाएगी शिवसेना

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत से काफी दूर रहने के बावजूद शिवसेना वहां एक बड़ी ताकत बनकर उभर रही है. अब तक के रुझानों और परिणामों से लगता है कि वह दूसरे नंबर पर रहेगी और सत्ता की इच्छा रखने वाली किसी भी पार्टी को उससे बारगेन करना ही पड़ेगा.

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शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत से काफी दूर रहने के बावजूद शिवसेना वहां एक बड़ी ताकत बनकर उभर रही है. अब तक के रुझानों और परिणामों से लगता है कि वह दूसरे नंबर पर रहेगी और सत्ता की इच्छा रखने वाली किसी भी पार्टी को उससे बारगेन करना ही पड़ेगा.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी से तालमेल न होने के बाद पार्टी ने उसके खिलाफ मोर्चा ही खोल लिया. उस समय उद्धव ठाकरे को लगने लगा कि बीजेपी के कारण ही उनके सिर से मुख्यमंत्री पद का ताज छिनता जा रहा है और इसलिए वे आक्रामक होते चले गए. उन्होंने प्रचार भाषणों में पीएम मोदी को भी नहीं बख्शा और उन पर भी वार किए.

हालांकि यह शुरू से ही स्पष्ट था कि शिवसेना अकेले अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकती, लेकिन उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ने कोई कसर नहीं छोड़ी. चुनाव के बाद जब एग्जिट पोल आने लगे तो पहले शिवसेना ने साफ कर दिया कि वह बीजेपी के साथ कोई संबंध नहीं रखेगी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया उसकी बोली बदलने लगी. इसका एक कारण यह भी था कि एनसीपी के भी स्वर बदल रहे थे और उसके बड़े नेताओं ने साफ कर दिया कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता. इससे शिवसेना पर दवाब पड़ा और आज उसने सुलह के संकेत दे दिए.

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दूसरी ओर, जानकारों का कहना है कि शिवसेना इस बार बीजेपी से जबर्दस्त बारगेनिंग करेगी और अपनी कड़ी शर्तें मनवाएगी. हो सकता है कि वह बीजेपी के सीएम कैंडिडेट के नाम पर भी नाक-भौं सिकोड़े. इसके अलावा वह उप मुख्यमंत्री का पद भी मांग सकती है. बढ़िया मंत्रालयों के लिए भी शिवसेना दबाव डाल सकती है. उद्धव ठाकरे इस समय आहत महसूस कर रहे हैं और वह अपनी भड़ास बीजेपी पर निकाल सकते हैं.

शिवसेना केन्द्र में भी और हिस्सा मांगेगी. वैसे भी पार्टी के कोटे से अभी पूरे मंत्री नहीं बने हैं. पार्टी केन्द्र के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर दावा कर सकती है, क्योंकि अभी सत्ता की कुंजी उसके पास ही है. पूरे परिणाम आने के बाद तस्वीर सामने आएगी, लेकिन यह तय है कि शिवसेना सत्ता की इच्छुक पार्टी को खून के आंसू रुलाएगी. वह अपना पूरा हिस्सा ब्याज समेत मांगेगी.

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