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दिल्ली चुनाव के नतीजों से तय होगा देश का रुझान

राष्ट्रीय राजधानी अभी पूर्ण राज्य नहीं है और इसमें केवल 70 विधानसभा सीटें हैं, इसके बावजूद यहां के चुनाव को राष्ट्रीय स्तर पर रुझान तय करने वाला माना जा रहा है. दिल्ली चुनाव के नतीजे क्या होंगे इसका खुलासा तो 8 को ही होगा पर एग्जिट पोल से जिस तरह के रुझान सामने आएं वो कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.

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दिल्ली के दिल में क्या है?
दिल्ली के दिल में क्या है?

राष्ट्रीय राजधानी अभी पूर्ण राज्य नहीं है और इसमें केवल 70 विधानसभा सीटें हैं, इसके बावजूद यहां के चुनाव को राष्ट्रीय स्तर पर रुझान तय करने वाला माना जा रहा है. दिल्ली चुनाव के नतीजे क्या होंगे इसका खुलासा तो 8 को ही होगा पर एग्जिट पोल से जिस तरह के रुझान सामने आएं वो कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.

इंडिया टुडे-ओआरजी के एग्जिट पोल के अनुसार दिल्ली में भी बीजेपी कांग्रेस को साफ करने जा रही है. सर्वे के नतीजे कहते हैं कि बीजेपी को इस बार 18 सीटों का फायदा हो रहा है और उसका कुल सीटों का आंकड़ा 41 तक पहुंच रहा है. वहीं, कांग्रेस के खाते में केवल 20 सीटें आ रही हैं. कांग्रेस को 23 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है.

चुनाव प्रचार में किसने लगाया कितना दम
बीजेपी पिछले 15 वर्षों से यहां की सत्ता पर काबिज होने का पूरा प्रयास कर रही है. पार्टी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया और महानगर में पांच रैलियों को संबोधित किया. लोकसभा चुनाव इस विधानसभा चुनाव के केवल छह माह बाद ही होने वाला है और बीजेपी के कई नेता दिल्ली से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.

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मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस लगातार तीन बार दिल्ली में सरकार बना चुकी है. अब वह चौथी बार जीत के लिए आशांवित हैं. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दिल्ली में रैलियों को संबोधित किया. लेकिन इसके बावजूद 75 वर्षीया मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ही दिल्ली में कांग्रेस की प्रमुख प्रचारक के तौर पर उभरीं.

दिल्ली में कांग्रेस के लिए जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सर्वेक्षणों के अनुसार राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी आगे है और छत्तीसगढ़ में कड़ा मुकाबला है.

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