लोकसभा चुनाव 2104 में होगा, लेकिन इसका सेमीफाइनल हो चुका है. मतलब पांच राज्यों में वोट डाले जा चुके हैं. इस सेमीफाइनल पर इंडिया टुडे-ओआरजी के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी दिल्ली समेत चार राज्यों में सरकार बनाने जा रही है. सर्वे में एक बात जो सामने आई है, वह ये कि आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की बजाय कांग्रेस के वोट काटने का काम किया है.
एग्जिट पोल के अनुसार, इस बार शीला दीक्षित अपनी सीट भी बचा नहीं पाएंगी. आपको बता दें कि शीला दीक्षित नई दिल्ली से चुनाव लड़ रही हैं और उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता भी मैदान में हैं. यदि बीजेपी के पास बहुमत आता है तो डॉ. हर्षवर्धन मुख्यमंत्री होंगे.
एग्जिट पोल के नतीजे कहते हैं कि बीजेपी को इस बार 18 सीटों का फायदा हो रहा है और उसका कुल सीटों का आंकड़ा 41 तक पहुंच रहा है. मतलब कुल 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा. वहीं, कांग्रेस के खाते में केवल 20 सीटें आ रही हैं. कांग्रेस को 23 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है.
इस चुनाव में अब तक सबसे ज्यादा चर्चा 'आम आदमी पार्टी' की होती रही है. इस एग्जिट पोल के आंकड़े अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 6 सीटें दिला रहे हैं. हालांकि अरविंद केजरीवाल, शीला दीक्षित को हरा रहे हैं.
वहीं, दिल्ली के 37 प्रतिशत लोग डॉ. हर्षवर्धन को सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं तो वर्तमान सीएम शीला दीक्षित को 29 प्रतिशत लोग सीएम बनाना चाहते हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल के साथ 25 प्रतिशत लोग हैं.
यदि केवल नई दिल्ली सीट की बात की जाए तो वहां 35 प्रतिशत लोग अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं. इसके बाद शीला दीक्षित के साथ 33 प्रतिशत वोट हैं और तीसरे नंबर पर हर्षवर्धन का नाम आता है. हर्षवर्धन के नाम से 27 प्रतिशत लोग सहमत हैं.
सर्वे के आंकड़ों के आधार पर फिलहाल बन रही स्थिति-
दिल्ली की कुल सीटें- 70
बीजेपी - 2008 में 23 सीटें, इस बार 41 (18 का लाभ) का अनुमान
कांग्रेस - 2008 में 43 सीटें, इस बार 20 (23 का नुकसान) का अनुमान
आम आदमी पार्टी - पहली बार चुनाव लड़ रही है, 6 सीट आने का अनुमान
कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी इस बार काफी गिरता नजर आ रहा है. सर्वे के अनुसार, पिछली बार उनका प्रतिशत 40 था तो इस बार यह प्रतिशत 30 तक आ सकता है. बीजेपी को भी एक प्रतिशत वोट का नुकसान हो रहा है.
क्या ये मोदी का जलवा है?
परिणाम अगर इसी एग्जिट के अनुसार रहे तो यह कहना बहुत आसान हो जाएगा कि ये नरेंद्र मोदी का जलवा है. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और गुजरात के मुख्यमंत्री ने इन चारों राज्यों में जोरदार रैलियां की थीं और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी.