क्या 4000 रुपये में चुनाव लड़ा जा सकता है? नहीं ना! लेकिन दिल्ली के एक उम्मीदवार ने पांच साल पहले इतने रुपये में ही चुनाव लड़ लिया. यूं तो नेताओं की बिरादरी में ही कई लोग मानते हैं कि विधायक बनने के लिए चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. लेकिन ये कहानी बिल्कुल उल्टी है.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के लिए विधानसभा चुनावों में खर्च की सीमा 14 लाख रुपये रखी है, लेकिन दिल्ली में ज्यादातर उम्मीदवार आधिकारिक तौर पर इसका एक चौथाई भी खर्च नहीं दिखाते.
2008 में उम्मीदवारों के खर्च के आंकड़ों के आधार पर सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य
साल 2008 में उम्मीदवारों के खर्च के आंकड़ों के आधार पर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों ने खर्च के बारे में जो जानकारी चुनाव आयोग को दी, वो दिल्ली आजतक के पास है. खर्च तय सीमा से कहीं कम किया गया है, इसी को ध्यान में रखते हुए जब चुनाव आयोग ने बाजार भाव के हिसाब से चीजों की कीमत तय कर दी तो अब पार्टियां 14 लाख की सीमा बढ़ाने की बात कर रही हैं.
कांग्रेस विधायक नसीब सिंह ने कहा, '14 लाख की सीमा बढ़नी चाहिए. क्योंकि चुनाव आयोग ने कई नई चीजें लागू की हैं. वहीं बीजेपी नेता शिखा राय ने कहा कि महंगाई बढ़ी है और चुनाव आयोग की कीमतें तो बाजार भाव से भी ज्यादा है.
2008 में नेताओं का चुनावी खर्च
दिल्ली आजतक के पास ऐसे कई दस्तावेज हैं जो साल 2008 में कई नेताओं के चुनावी खर्च को दिखाते हैं. दिल्ली के मंत्री हारून यूसुफ ने पिछले चुनावों में महज 3 लाख 20 हजार रुपए खर्च किए. बीजेपी के सीनियर नेता जगदीश मुखी ने साल 2008 का चुनाव लड़ने में साढ़े तीन लाख रुपये से कम खर्च किए.
ओखला से परवेज हाशमी ने 4 लाख से कुछ ज्यादा चुनावी खर्च दिखाया. हरि नगर से बीजेपी के हरशरण सिंह बल्ली और बादली से कांग्रेस के देवेंद्र यादव तो ढाई लाख रुपए खर्च कर ही चुनाव जीत गए. ये तो जीतने वाले उम्मीदवार हैं, कई हारे निर्दलीय विधायकों ने महज कुछ हजार रुपए में ही चुनाव लड़ लिए. पटेल नगर से बतौर निर्दलीय लड़ीं रितु ने तो सिर्फ 3,995 रुपए में ही चुनाव लड़ लिया. दस हजार से कम में चुनाव लड़ने वाले ऐसे कई उम्मीदवार हैं.
चौंकाने वाला मामला तो ये है कि पटेल नगर में पिछली विधानसभा में लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों का कुल खर्च ही महज 9 लाख रुपये रहा. चुनाव आयोग को पता है कि खर्च का हिसाब रखने में उम्मीदवार गड़बड़ी कर रहे हैं, इसलिए इस बार उन्हें आयोग ने कड़ी चेतावनी दी है.
दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारी विजय देव ने कहा है कि हम वीडियोग्राफी करवा रहे हैं. उम्मीदवारों का शेडो अकाउंट भी रखेंगे. अगर किसी ने गड़बड़ी की तो उसकी उम्मीदवारी रदद् तक हो सकती है. सबसे ज्यादा खर्च करने वाले उम्मीदवारों में कृष्णा नगर से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन हैं जिन्होंने पिछली बार 9 लाख 38 हजार रुपए खर्च किए.