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दिल्ली में चुनाव का रास्ता साफ, बीजेपी ने LG को संसदीय बोर्ड के फैसले की दी जानकारी

लोकसभा चुनाव के बाद दो राज्‍यों हरियाणा और महाराष्‍ट्र हुए विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत से उत्‍साहित बीजेपी दिल्‍ली में सरकार बनाने के मूड में नहीं है, बल्‍कि पार्टी यहां चुनाव चाहती है.

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दिल्‍ली विधानसभा (फाइल फोटो)
दिल्‍ली विधानसभा (फाइल फोटो)

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का रास्‍ता साफ होता दिख रहा है. प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष सतीश उपाध्‍याय ने उपराज्यपाल नजीब जंग से अनौपचारिक मुलाकात कर कहा है कि उनकी पार्टी चुनाव चाहती है. कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी चाहती है कि दिल्‍ली विधानसभा को भंग कर फिर से चुनाव कराए जाएं. वैसे, जंग ने कहा है कि वो शाम को आधिकारिक बयान जारी करेंगे.

जंग ने दिल्‍ली में सरकार गठन पर चर्चा के लिए तीनों पार्ट‍ियों- बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को न्‍योता दिया है. एलजी की आज शाम इन दलों से अलग-अलग बातचीत होगी. एलजी सबसे पहले बीजेपी नेताओं से मिलेंगे. इस बीच, 'आप' नेता और दिल्‍ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नया दांव खेला है. उन्‍होंने कहा है कि एलजी पहले बीजेपी को बुलाएं. बीजेपी के रुख को सार्वजनिक करें फिर अगली पार्टी को न्‍योता दें, जैसा उन्‍होंने दिसंबर में किया था. केजरीवाल ने इस बारे में एलजी को चिट्ठी भी लिखी है. केजरीवाल ने पूछा, 'क्या एलजी ने बीजेपी को न्यौता दे दिया है, दोनों तरफ से गोपनीयता क्यों?'

लोकसभा चुनाव के बाद दो राज्‍यों हरियाणा और महाराष्‍ट्र हुए विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत से उत्‍साहित बीजेपी दिल्‍ली में सरकार बनाने के मूड में नहीं है, बल्‍कि पार्टी यहां चुनाव चाहती है. वहीं,  केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी दिल्‍ली में दंगे फैलाने की कोशिश कर रही है. उन्‍होंने कहा कि जनता, मीडिया और पुलिस ही दिल्‍ली को बचा सकती है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, बीजेपी ने चुना चुनाव का विकल्‍प
बीती रात दिल्‍ली में हुई बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी ने दिल्ली में सरकार की बजाय चुनाव कराने का विकल्प चुना. पार्टी ने अपने इस फैसले से उपराज्‍यपाल को अवगत करा दिया. सतीश उपाध्‍याय और जगदीश मुखी ने एलजी को सौंपी चिट्ठी में कहा है कि उनकी पार्टी दिल्‍ली में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. सूत्र बता रहे हैं कि दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव जल्‍द होंगे.

बीजेपी की पिछले दो महीने की कवायद से ऐसा लग रहा था कि बीजेपी जम्‍मू-कश्‍मीर और झारखंड विधानसभा के साथ दिल्‍ली में चुनाव नहीं चाहती है. अब पार्टी नेताओं ने एलजी से मिलकर उन्‍हें संकेत दे दिया कि दिल्‍ली में सरकार बनाने के लिए कोई रास्‍ता नहीं बचा है.

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इस बीच, बीजेपी आलाकमान ने पार्टी नेताओं के लिए फरमान जारी किया है कि वो दिल्‍ली में सरकार गठन को लेकर कोई बयान नोटिस जारी होने तक नहीं दें.

जनवरी में हो सकते हैं चुनाव
बीजेपी नेताओं की मीटिंग के बाद एलजी राष्‍ट्रपति से चुनाव के लिए सिफारिश कर सकते हैं. आगामी फरवरी में दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति शासन की मियाद खत्‍म हो रही है. ऐसे में संभव है कि अगले दो-तीन महीने यानी जनवरी में दिल्‍ली में चुनाव हो सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को 11 नवंबर तक का वक्त दिया है. उस दिन नजीब जंग की ओर से सुप्रीम कोर्ट को फैसले से अवगत कराया जाएगा. उपराज्यपाल ने कहा था कि वो पार्टियों से बात कर सरकार की संभावना तलाशेंगे. पार्टियों से बात करने के बाद सुप्रीम कोर्ट को जवाब बताना है.

पिछले साल दिसंबर में दिल्‍ली में हुए विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की मदद से दिल्‍ली में सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल दिल्‍ली के सीएम बने. हालांकि, यह सरकार 49 दिनों तक ही चल पाई.

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