गुजरात में एक महिला की जासूसी से जुड़े बहुचर्चित मामले में यूपीए के भीतर मतभेद उभरने पर बीजेपी ने बांछे खिल गई हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार चुनावों के नतीजे आने से कुछ ही दिन पहले जांच कमिशन गठित करना चाहती है, जबकि एनसीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस इसके खिलाफ है. जासूसी मामले में नरेंद्र मोदी की ओर उंगलियां उठ रही हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा, ‘यूपीए के घटक दलों को भी अक्ल आ रही है. बदले की राजनीति कांग्रेस की खूबी रही है. वे (एनसीपी और नेशनल कांफ्रेंस) उसमें शामिल नहीं होना चाहते हैं. बीजेपी इसका स्वागत करती है’
उन्होंने कहा, 'हिन्दुस्तान बहुत बदल गया है और बदल रहा है. जनता अब देश के बारे में सोच रही है. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का ‘इंडिया फर्स्ट’ का नारा सबको बहुत भा रहा है. सबकी, खासकर युवाओं की इस पर बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया है.'
जेडीयू के शरद यादव सहित कुछ नेताओं के अपने दल के नेतृत्व की आलोचना किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर अकबर ने कहा, ‘शायद उनकी आंख खुल गई होंगी. राजनीतिक नेता रुख बदलते हैं, उनका स्वागत किया जाता है. चुनावी राजनीति कोई बंद दरवाजा नहीं है’
नरेंद्र मोदी से कथित तौर पर जुड़े जासूसी कांड के मामले में जांच को लेकर यूपीए सरकार के दलों के बीच मतभेद सामने आए जब एनसीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने कहा है कि यूपीए-2 के इस आखिरी समय में इस मामले की जांच कराना ठीक नहीं है.