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राजस्थान में इस बार 0.9% मतदान ज्यादा... सत्ता बदलेगी या रिवाज? क्या कहता है 20 साल का वोटिंग ट्रेंड

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की वोटिंग हो गई है. कुल 199 सीटों पर 74 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है. राज्य में सबसे ज्यादा जैसलमेर में 82.32 प्रतिशत मतदान हुआ है. सबसे कम मतदान पाली में 65.12 प्रतिशत मतदान हुआ है. राज्य में 51,000 से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए थे. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. चुनाव आयोग ने इस बार प्रत्येक सीट पर कम से कम 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था.

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राजस्थान में अशोक गहलोत ने जोधपुर और वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में मतदान किया. (फाइल फोटो)
राजस्थान में अशोक गहलोत ने जोधपुर और वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में मतदान किया. (फाइल फोटो)

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की 199 सीटों पर वोटिंग हो गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है. राज्य में शनिवार को 74.13 प्रतिशत वोटिंग हुई. जबकि 0.83 प्रतिशत वोटिंग डाक मतपत्र और घरेलू मतदान के जरिए हुई है. 2018 के चुनाव में राजस्थान में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था. यानी इस बार चुनाव में 0.9 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ है. ऐसे में राज्य के वोटिंग ट्रेंड को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.

बताते चलें कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज चला रहा है. इसके साथ ही पिछले 20 साल का वोटिंग ट्रेंड यह भी कहता है कि जब भी मतदान प्रतिशत घटा है तो इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला है, जबकि मतदान प्रतिशत बढ़ने का फायदा बीजेपी को मिला है. इस बार चुनाव में 5.25 करोड़ वोटर्स थे और 1863 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. अब 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे, तब पता चल सकेगा कि राजस्थान में रिवाज कायम रहता है या गहलोत सरकार परंपरा को तोड़ पाती है?

'कुल 199 सीटों पर मतदान हुआ'

बताते चलें कि राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं, लेकिन वोटिंग 199 सीटों पर हुई है. राज्य में 2013 और 2018 में भी 199 सीटों पर मतदान हुआ था. इस साल चुनाव के बीच श्रीगंगानगर जिले की करणपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर (75 साल) का निधन हो गया. ऐसे में चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया था. कूनर ने 4 नंववर को नामांकन भरा था. अब यहां उपचुनाव कराए जाएंगे. गुरमीत सिंह वर्तमान में करणपुर से कांग्रेस विधायक भी थे. उन्होंने 2018 में निर्दलीय चुनाव जीता था और मंत्री बने थे. 

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'इस बार सबसे ज्यादा जैसलमेर में वोटिंग'

इस बार राजस्थान में सबसे ज्यादा जैसलमेर में 82.32 प्रतिशत मतदान हुआ है. उसके बाद प्रतापगढ़ में 82.07%, बांसवाड़ा में 81.36% और हनुमानगढ़ में 81.30 प्रतिशत वोटिंग हुई. राज्य में सबसे कम मतदान पाली में 65.12 प्रतिशत हुआ है. उसके बाद सिरोही में 66.62%, करौली में 68.38%, जालोर में 69.56 % और सवाई माधोपुर में 69.91 % वोटिंग हुई है.

'इन दिग्गजों के नतीजों पर सबकी नजर'

इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, राज्य वर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, नरेंद्र कुमार, भागीरथ चौधरी, किरोड़ी लाल मीणा, देवजी पटेल, दीया कुमारी, गौरभ वल्लभ जैसे नेता मैदान में उतरे थे.

इस बार कांटे की जंग...

जानकारों का कहना है कि इस बार चुनाव में कांटे की टक्कर है. लोगों के बीच दोनों पक्षों का माहौल रहा. लोगों तक दोनों पार्टियों के नेताओं ने पहुंचने की कोशिश की है. वोटरों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने सचिन पायललट और अशोक गहलोत के बीच की दरार को हवा देने की कोशिश की. 

क्या कहता है राज्य का वोटिंग ट्रेंड?

राजस्थान का चुनावी ट्रेंड कहता है कि विधानसभा चुनाव में अगर मतदान प्रतिशत कम हुआ है तो कांग्रेस की सरकार बनी है. साल 1998 के चुनाव में 63.39 फीसदी वोटिंग हुई थी और कांग्रेस की सरकार बनी थी. गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद 2003 के चुनाव में 67.18 फीसदी मतदान हुआ और बीजेपी सरकार बनी. तब 3.79 फीसदी वोटिंग बढ़ी थी. वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं थीं. राज्य में 2008 में 66.25 प्रतिशत वोटिंग हुई और कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस ने 96 सीटें जीतीं. जबकि बीजेपी की 78 सीटें आईं. तब मतदान प्रतिशत 0.93 फीसदी घट गया था. गहलोत दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.

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'2018 में कांग्रेस ने जीती थीं 92 सीटें'

2013 के चुनाव में एक बार फिर 8.79 फीसदी मतदान बढ़ा और बीजेपी की सरकार बनी. इस चुनाव में  75.04 वोटिंग हुई. बीजेपी को 167 सीटें मिली थीं. कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट गई थी. राजे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं थीं. 2018 के चुनाव में 0.98 प्रतिशत कम वोटिंग हुई. कुल 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य में सत्ता का उलटफेर हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी. बसपा के 5 और कुछ निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे. गहलोत को फिर से सीएम बनाया गया. कांग्रेस ने 92 सीटें जीती थीं. 

इस बार जिलों में क्या रहा वोटिंग प्रतिशत?

जिला प्रतिशत
अजमेर 72.81
अलवर 74.41
बांसवाड़ा 81.36
बारां 79.92
बाड़मेर 76.88
भरतपुर 71.80
भीलवाड़ा 75.42
बीकानेर 74.13
बूंदी 76.38
चित्तौड़गढ़ 79.86
चूरू 74.78
दौसा 73.49
धौलपुर 77.47
डुंगरपुर 73.59
गंगानगर 78.21
हनुमानगढ़ 81.30
जयपुर 75.16
जैसलमेर 82.32
जालोर 69.56
झालावाड़ 80.24
झुझनूं 72.11
जोधपुर 70.09
करौली 68.38
कोटा 76.00
नागौर 71.89
पाली 65.12
प्रतापगढ़ 82.07
राजसमंद 72.87
सवाई माधोपुर 69.91
सीकर 73.01
सिरोही 66.62
टोंक 72.73
उदयपुर 73.32


1998 में क्या हाल रहा...

वोटिंग प्रतिशत- 63.39%
कांग्रेस-    153
बीजेपी- 33

2003 में क्या हाल रहा...

वोटिंग प्रतिशत-  67.18%
बीजेपी- 120
कांग्रेस- 56

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2008 में क्या हाल रहा...

वोटिंग प्रतिशत-  66.25%
कांग्रेस- 96
बीजेपी- 78

2013 में क्या हाल रहा...

वोटिंग प्रतिशत- 75.04%
बीजेपी- 163
कांग्रेस- 21

2018 में क्या हाल रहा...

वोटिंग प्रतिशत- 74.06%
कांग्रेस- 99
बीजेपी- 73

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