
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव की 30 सीटों पर कुल 323 प्रत्याशी मैदान में हैं. पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे लेकिन उससे पहले इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुमान यदि असल नतीजों में तब्दील होते हैं तो पुडुचेरी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार बनाएगी.
एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 20 से 24 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. एग्जिट पोल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. अन्य को शून्य से एक सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है.

पुडुचेरी में एनडीए को 52 फीसदी और यूपीए को 37 फीसदी वोट मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है. अन्य को 11 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.
गौरतलब है कि सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस पार्टी डीएमके के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी. एक बार फिर से पुडुचेरी की सत्ता में वापसी की कवायद में है जबकि बीजेपी ने अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस और एआईडीएमके सहित अन्य छोटे दलों के मिलकर चुनावी मैदान में है. ऐसे में पुडुचेरी का सियासी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.

पुडुचेरी में किस पार्टी के कितने प्रत्याशी
पुडुचेरी में कुल 33 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है. इस तरह से सिर्फ 30 सीटों पर ही चुनाव हो रहे हैं. एन रंगासामी की अगुवाई वाली एआईएनआरसी 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी 14 सीटों में से भाजपा नौ पर और एआईएडीएमके ने 5 पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इसी तरह कांग्रेस 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और यानी सीट पर एक निर्दलीय का समर्थन कर रही है जबकि उसके सहयोगी दल डीएमके सहित अन्य दल 13 सीटों से चुनाव लड़ रही हैं. यहां अभिनेता से नेता बने कमल हासन और उनकी पार्टी भी किस्मत आजमा रही है.
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आधी सीटें जीती थी
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. पुडुचेरी की 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं जबकि डीएमके ने तीन पर जीत हासिल की थी. इस तरह से वी नारायणसामी मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले 22 फरवरी को उनकी सरकार गिर गई. ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर से राज्य की सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है, लेकिन एनडीए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने है.