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'प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया, चुनाव देख राम मंदिर जा रहे...', अमेठी में स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर तंज

Lok Sabha Election 2024: अमेठी के चुनावी रण में उतरने से पहले राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका वाड्रा संग अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर सकते हैं. ऐसे में इसको लेकर स्मृति ईरानी ने तंज कसा है. 

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अमेठी सीट पर सबकी नजर है. कांग्रेस ने अभी तक यहां से अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. वहीं, बीजेपी की तरफ एक बार फिर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मैदान में हैं. हालांकि, चर्चा तेज है कि राहुल गांधी ही अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार होंगे. सुगबुगाहट इस बात की भी है कि चुनाव से पहले राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका वाड्रा संग अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर सकते हैं. ऐसे में इसको लेकर स्मृति ईरानी ने तंज कसा है. 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी के गौरीगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले उन्होंने अहंकार में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया और अब चुनाव आया तो अमेठी आने से पहले राम मंदिर जा रहे हैं, रामलला के दर्शन करने. उनको सिर्फ चुनाव में ही हमारे भगवान याद आते हैं. वैसे भी जब रामलला के दर्शन के बाद जायस जाएंगे तो उनके कार्यकर्ता हैं इशरत, उनसे कलमा पढ़वाएंगे. 

स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि जो आदमी को भगवान से छल करे, भला वो किसी इंसान के क्या काम आएगा. इसलिए हम कहते हैं कि जो सच्चे दिल से राम का नहीं वो हमारे किसी काम का नहीं. स्मृति ने यह भी कहा कि जब राम मंदिर फैसला आया तो बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी तक बड़ा दिल दिखाते हुए प्राण प्रतिष्ठा में गए, लेकिन कांग्रेसी नहीं गए. 

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गौरतलब है कि राहुल गांधी 27 अप्रैल को अमेठी का दौरा कर सकते हैं, यानी 26 अप्रैल को वायनाड में वोटिंग हो जाने के बाद. पहले से भी यही माना जाता रहा है कि अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस कोई भी फैसला वायनाड में मतदान हो जाने के बाद ही लेगी. ये खबर उस संकेत को भी सही साबित कर रही है, जिसमें सीनियर कांग्रेस नेता एके एंटनी ने बताया था कि यूपी से गांधी परिवार के एक सदस्य का चुनाव लड़ना पक्का है. 

एंटनी के बयान के बाद से ये बात साफ हो गई थी कि कांग्रेस का यूपी में गांधी परिवार के गढ़ को छोड़ देने जैसा कोई इरादा नहीं है. ये बात इसलिए भी गंभीर चर्चा का विषय बन गई थी, क्योंकि सोनिया गांधी राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंच चुकी हैं.

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