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Ghaziabad Loksabha 2024 : वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए हाई राइज सोसाइटीज में बने पोलिंग बूथ, 2019 में कम हुआ था मतदान

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कल यानी 26 अप्रैल को मतदान होगा. 14 उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग होगी. मुख्य मुकाबला बीजेपी के अतुल गर्ग, कांग्रेस से डोली शर्मा और बहुजन समाज पार्टी के दकिशोर पुंडीर के बीच होगा.

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गाजियाबाद सीट पर 26 अप्रैल को मतदान है.
गाजियाबाद सीट पर 26 अप्रैल को मतदान है.

लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान की घड़ी नजदीक आ गई है. कल यानी 26 अप्रैल को गाजियाबाद में वोटिंग है. बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए आम वोटर के साथ ही उम्मीदवारों की भी धड़कनें बढ़ रही हैं. लिहाजा, चुनाव आयोग ने पहले चरण में कम हुए मतदान से सबक लिया है और वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने पर जोर लगा दिया है. गाजियाबाद सीट पर विशेष ध्यान शहरी वोटर पर है. ट्रांस हिण्डन एरिया में करीब 250 हाई राइस सोसाइटीज हैं, इनमें घटते वोट प्रतिशत को देखते हुए पहली बार वोटर के फ्लैट से निकलते ही वोटिंग बूथ मिल जाएगा. 

गाजियाबाद सीट पर 14 उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग होने जा रही है. मुख्य मुकाबला बीजेपी के अतुल गर्ग, कांग्रेस से डोली शर्मा और बहुजन समाज पार्टी के दकिशोर पुंडीर के बीच होगा. 26 अप्रैल को होने वाली वोटिंग को लेकर गाजियाबाद ट्रांस हिंडन की करीब 20 सोसाइटी में पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. सुरक्षा में गाजियाबाद पुलिस समेत अन्य एजेंसियों के करीब 10 हजार जवान तैनात रहेंगे. 2019 में इस सीट पर 2014 के मुकाबले एक प्रतिशत कम मतदान हुआ था. यही वजह है कि आयोग पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए नए प्रयास कर रहा है.

फ्लैट से निकलते ही मिल जाएंगे बूथ

ऐसा पहली बार होगा, जब इंदिरापुरम की करीब 250 सोसाइटीज में हाई राइज वोटर को बूथ तक ले जाने के लिए कई सारे इंतजाम किए गए हैं. शिप्रा सनसिटी, ऋषभ पैराडाइज, ATS एडवांटेज, शिप्रा रिवेरा सोसायटी, गुलमोहर ग्रीन सोसाइटी, ऑरेंज काउंटी समिति, शालीमार सिटी, कृष्णा अपरा क्लाउड 9. कुछ सोसाइटीज ने बुजुर्गों को पोलिंग बूथ तक ले जाने के इंतजाम किए हैं.

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बता दें कि 1957 से गाजियाबाद का क्षेत्र हापुड़ लोकसभा सीट में आता था. 2004 में हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के अंतिम सांसद कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल थे. 2008 में हुए परिसीमन के बाद गाजियाबाद सीट अस्तित्व में आई थी. साल 2009 में चुनाव हुए और यहां से बीजेपी के राजनाथ सिंह ने जीत दर्ज की. हापुड़ लोकसभा सीट के साथ जोड़कर देखा जाए तो इस सीट पर करीब सात बार बीजेपी का तो 5 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है.

'गाजियाबाद में बीजेपी का दबदबा'

गाजियाबाद लोकसभा सीट से दो बार बीके सिंह सांसद रह चुके हैं. गाजियाबाद में पांच विधायक, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष भी बीजेपी का होने के कारण यह सीट पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जाती है. अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर गाजियाबाद लोकसभा सीट से रिकॉर्ड वीके सिंह के नाम पर है जो उन्होंने 2014 में बनाया था. साल 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में 5 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीतने वाले इकलौते सांसद हैं. बीजेपी के सामने चौथी बार वोट प्रतिशत बरकार रखने की चुनौती है.

गाजियाबाद सीट पर वोटिंग प्रतिशत

साल प्रतिशत
2014 56.9%
2019 55.89%

यूपी का गेटवे कहे जाने वाले गाजियाबाद दिल्ली से सटी हुई लोकसभा सीट होने के कारण बहुत ही महत्वपूर्ण और VVIP है. यहां से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद चुनाव लड़ चुके हैं. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत चार विधानसभा क्षेत्र लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद और मुरादनगर के अलावा धौलाना विधानसभा का कुछ हिस्सा आता है. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार 29 लाख से अधिक मतदाता वोट डालेंगे.

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2009 की तुलना में 2014 में कांग्रेस के वोटबैंक में 18.15 फीसदी की गिरावट आई. जबकि बसपा के वोट बैंक में 8.84 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई. भाजपा के वोट बैंक में 13.17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई. अब 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना 2019 से करने पर आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस के वोट बैंक में 6.91 फ़ीसदी गिरावट आई. भाजपा के वोट बैंक में 5.45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. 2019 का चुनाव सपा और बसपा ने मिलकर लड़ा था तो वोट बैंक में 21.9 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

पिछले दो लोकसभा चुनाव के परिणाम

लोकसभा चुनाव 2014

पार्टी उम्मीदवार प्रतिशत
बीजेपी राजनाथ सिंह 43.34%
कांग्रेस सुरेंद्र गोयल 32.41%
बसपा अमरपाल शर्मा 21.73%


लोकसभा चुनाव 2019

पार्टी उम्मीदवार प्रतिशत
बीजेपी वीके सिंह 61.93%
सपा सुरेंद्र बंसल 29.06%
कांग्रेस डॉली शर्मा 7.34%

 

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