बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट का चुनाव बहुत रोचक होता जा रहा है. कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे पप्पू यादव यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) गोपालगंज और पाटलिपुत्र सीट को छोड़कर पूर्णिया में महाभारत कर रहे हैं. पाटलिपुत्र तीन बार हार गए, वहां क्यों नही जीतना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि महाभारत के बाद दूसरा युद्ध पूर्णिया में ही हो रहा है.
पप्पू यादव ने कहा कि हमको हराने के लिए जदयू के 42 विधायक कैंप कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि NDA और INDIA का केवल एक लक्ष्य है, पप्पू यादव को हराना. पप्पू यादव को रोकना सब का उद्देश्य है, फिर चाहें कोई भी यहां से जीत जाए. पप्पू यादव ने कहा कि महाभारत की पटकथा राजा (तेजस्वी) के द्वारा लिखी गई है. इस लड़ाई का अंत मेरे द्वारा होगा.
महाराजा (लालू प्रसाद) का वारिस राजा (तेजस्वी यादव) है. राजद के 42 विधायक पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं, मुझे समझ में नहीं आ रहा है ऐसा क्या हो गया है? राजद प्रत्याशी बीमा भारती को जिताने की कोई नहीं सोच रहा है, बस मुझे हराने के लिए कोशिश हो रही है. तेजस्वी यादव के अंदर अहंकार आ गया है और पता नहीं क्यों ऐसा हुआ है? मैं तो तेजस्वी के साथ मिलकर काम करना चाहता था, लेकिन उन्हें अहंकार आ गया है.
तेजस्वी को है पप्पू की हार में ज्यादा दिलचस्पी
बताते चलें कि पूर्णिया में तेजस्वी यादव ने अपने भाषण से यह साफ कर दिया कि उन्हें अपने प्रत्याशी की जीत से ज्यादा दिलचस्पी पप्पू यादव की हार में हैं. उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव बड़ी लड़ाई है. किसी एक के धोखे में नहीं आना है. यहां सिर्फ दो धड़ा है एक INDIA और दूसरा NDA या तो बीमा भारती को चुनिए या फिर एनडीए को जिता दीजिए.
बीमा भारती के साथ राजद ने किया विश्वासघात
बीमा भारती के साथ राजद ने विश्वास घात किया है. वह जनता दल यूनाइटेड छोड़कर आई थी. पूरे देश के नेता पप्पू यादव को हराने के लिए पूर्णिया रहे हैं. इस लिहाज से देखा जाए, तो बिहार की पूर्णिया सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है. इस सीट पर पप्पू यादव ने निर्दलीय ठोकी है, तो आरजेडी की ओर से बीमा भारती को उतारा गया है, जोकि जेडीयू से आरजेडी में शामिल हुई हैं. एनडीए की ओर से जेडीयू के सिंबल पर संतोष कुमार कुशवाहा मैदान में हैं.
लालू से मेरी केमिस्ट्री बिगड़ी नहीं है- पप्पू यादव
मैं शारीरिक रूप से नहीं थकता हूं, मगर मानसिक तौर पर बहुत थक जाता हूं. लालू प्रसाद से मेरी केमिस्ट्री नहीं बिगड़ी है, लेकिन वह मेरे खिलाफ क्यों हैं, यह मैं नहीं बता सकता हूं. लालू प्रसाद को सच्चाई का डर है. मैं किसी के लिए भी खतरा नहीं हूं. राजा (तेजस्वी यादव) ने संदेश दे दिया है कि राजनीति में विचारधारा की कोई अहमियत नहीं होती है.
मुझे आत्महत्या को मजबूर कर दिया
लालू प्रसाद की वजह से जनता तेजस्वी को माथे पर बैठाए हुए है. मौजूदा राजनीतिक हालात में मुझे जान का भी खतरा है. लालू और तेजस्वी से मुझे जान का खतरा नहीं है. मुझे नहीं लगता है कि वह लोग इतने निचले स्तर पर गिरेंगे. दो सप्ताह पहले जब टिकट बंटवारा हो रहा था, तो महाराजा (लालू प्रसाद) और राजा (तेजस्वी यादव) ने मुझे आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर कर दिया था. बीजेपी का एजेंडा कट्टरपंथी हिंदुत्व का है और मेरा सनातनी हिंदुत्व का है. इन सब के बीच पूर्णिया 26 अप्रैल को इतिहास लिखेगा. राजा (तेजस्वी यादव) और जो लोग गलत दल में हैं, सबको जवाब मिलेगा.