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543 सीटों की महाजंग का हुआ ऐलान, जानिए किस राज्य में किस दल का कितना दम, 2019 से कितना अलग है सीन?

लोकसभा के पिछले यानी साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार गठबंधनों का गणित भी बहुत अलग नजर आ रहा है. कई पार्टियां जो पिछले चुनाव में विपक्षी खेमे में थीं, वह अब एनडीए के पाले में हैं. यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी, बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टियां 2019 में विपक्षी खेमे में थीं. टीडीपी भी तब अलग ताल ठोक रही थी. आइए समझते हैं पूरी गणित.

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लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा चुनाव 2024

Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने ऐलान किया कि मतदान 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे. मसलन, 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को मतदान होंगे. वहीं 4 जून को इसके नतीजे आएंगे.

चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब गठबंधनों के गणित और लोकसभा में सियासी दलों की ताकत को लेकर भी चर्चा लाजिम है. हर दल और हर गठबंधन लोकसभा चुनाव में जीत के साथ सरकार बनाने के दावे तो कर रहा है लेकिन किस राज्य में किस दल के पास कितना दम है? 2019 के चुनाव से इस बार सीन कितना अलग है? आइए समझते हैं.

क्या है गठबंधनों का गणित?

मुख्य तौर पर इस चुनाव से पहले तीन राजनीतिक गुट दिख रहे हैं. एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में शामिल पार्टियां हैं, तो दूसरा समूह INDIA ब्लॉक में शामिल पार्टियों का है, जिसमें कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल शामिल हैं. तीसरे समूह में उन दलों को रखा जा सकता है, जो इन दोनों में से किसी भी गठबंधन में नहीं हैं और अपनी अलग क्षेत्रीय ताकत रखते हैं. 

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ऐसी पार्टियों की लिस्ट में मायावती के नेतृत्व वाली यूपी की बहुजन समाज पार्टी, बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी, केरल और बंगाल में लेफ्ट, ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी, तमिलनाडु में एआईएडीएमके, आंध्र प्रदेश में सीएम जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और असम में एआईयूडीएफ जैसे नाम हैं.

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2019 से कितना अलग गठबंधनों का सीन?

लोकसभा के पिछले यानी साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार गठबंधनों का गणित भी बहुत अलग नजर आ रहा है. कई पार्टियां जो पिछले चुनाव में विपक्षी खेमे में थीं, वह अब एनडीए के पाले में हैं. यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी, बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टियां 2019 में विपक्षी खेमे में थीं. टीडीपी भी तब अलग ताल ठोक रही थी. इस बार ये सभी एनडीए की छतरी तले चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. कुछ दल ऐसे भी हैं, जो एनडीए छोड़ गए थे और बाद में इन दलों के नाम-निशान के साथ एक धड़ा गठबंधन में लौट आया. एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) इसी कैटेगरी में आती हैं. उद्धव ठाकरे और शरद पवार विपक्षी INDIA ब्लॉक में हैं लेकिन उनकी पार्टियों के नाम और निशान के साथ शिंदे और अजित पवार एनडीए के खेमे में हैं.

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किस दल का कितना दम?

  • बीजेपी- 290
  • कांग्रेस- 48
  • डीएमके- 24
  • टीएमसी- 22
  • वाईएसआर कांग्रेस- 22 
  • जेडीयू- 16
  • शिवसेना (शिंदे की पार्टी)- 13
  • बीजेडी- 12
  • बसपा- 10
  • बीआरएस- 8

Parties in Lok Sabha

(नोटः बीएसपी ने 2019 में 10 सीटें जीती थीं, जिनमें से एक अमरोहा से सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है तो वहीं अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय बीजेपी में जा चुके हैं.)   

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किस राज्य में किस पार्टी का कितना दम?

1. उत्तर प्रदेश

पिछले चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 64 सीटें एनडीए ने जीती थीं. बीजेपी को 62, अपना दल एस को दो सीटों पर जीत मिली थी. विपक्षी बीएसपी 10, एसपी पांच और कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल रही थी.

2. महाराष्ट्र

महाराष्ट्र की 48 में से 41 सीटें एनडीए के हिस्से आई थी. बीजेपी ने 23 और अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं. अविभाजित एनसीपी को चार, कांग्रेस को एक, एआईएमआईएम को एक सीट पर जीत मिली थी. एक सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीता था. 

3. पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल की 42 में से 22 सीटें टीएमसी, 18 बीजेपी और दो कांग्रेस ने जीती थी. 

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Lok Sabha Seats of Different Parties

4. तमिलनाडु

तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं. 2019 के चुनाव में डीएमके को 23, कांग्रेस को आठ, माकपा और भाकपा को दो-दो, आईएमएल को एक और एआईडीएमके को एक सीट पर जीत मिली थी.

5. मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. कांग्रेस केवल एक सीट पर सिमट गई थी. छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस के नकुलनाथ जीते थे.

6. कर्नाटक

कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में बीजेपी को 25, जेडीएस को एक, कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी. एक सीट अन्य के हिस्से में गई थी. हालांकि, इस बार परिस्थितियां अलग हैं. तब सूबे की सत्ता पर काबिज रही बीजेपी अब विपक्ष में है और कांग्रेस की सरकार है. 

7. गुजरात

गुजरात में लोकसभा की कुल 26 सीटें हैं. पिछले चुनाव में सभी सीटों से बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे. 

8. आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं. 2019 में सूबे की सत्ता पर काबिज वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीती थीं. टीडीपी को तीन सीटों पर जीत मिली थी. इस बार टीडीपी, बीजेपी और पवन कल्याण की पार्टी से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही है.

9. राजस्थान

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं. 2019 में एनडीए ने सभी सीटें जीत ली थीं. बीजेपी को 24 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एक सीट से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल संसद पहुंचे थे. इस बार बेनीवाल की पार्टी और बीजेपी का गठबंधन नहीं है.

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