उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी से चुनाव लड़ रहे दिनेश प्रताप सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिनेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा के पैर छूते हुए नजर आ रहे हैं. इसके बाद रायबरेली में तरह-तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे हैं.
रायबरेली लोकसभा सीट पर सोमवार को वोटिंग के दौरान दिनेश प्रताप सिंह शहर के केंद्रीय विद्यालय के मतदान केंद्र के बाहर मीडिया के लोगों से बात कर रहे थे. इसी दौरान सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा सामने से आते दिखाई दिए. दिनेश प्रताप सिंह ने उन्हें देखते ही उनके चरण स्पर्श किए. किशोरी लाल शर्मा उन्हें आशीर्वाद देते हुए आगे बढ़ गए.
दिनेश प्रताप सिंह ने किशोरी लाल शर्मा के पैर छूने के बाद वहां मौजूद मीडिया और लोगों से कहा कि यह हमारे संस्कार हैं. प्रियंका गांधी ने इनके कभी पैर नहीं छुए होगा. अगर छुआ होगा तो जिसमें कुत्ता खाए उसमें हमें खिला देना.
दिलचस्प बात यह है कि दिनेश प्रताप सिंह ने इसी किशोरी लाल शर्मा के चलते कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी. इस दौरान दिनेश प्रताप सिंह ने तरह-तरह के आरोप उन पर लगाए थे. उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को कहा था कि रायबरेली में कांग्रेस पार्टी में किशोरी लाल शर्मा रहेंगे या फिर दिनेश प्रताप सिंह.
दिनेश प्रताप ने किशोरी लाल शर्मा को रायबरेली से हटाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी. लेकिन सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने उनकी एक नहीं सुनी. इसी के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन्होंने रायबरेली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रायबरेली में एक बड़ी जनसभा के बीच पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी.
बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली सीट से मैदान में उतारा है. इसके बाद दिनेश सिंह ने सोनिया गांधी को लेकर तरह-तरह के बयान दिए हैं. उन्हें एटायलियन मैडम एंटोनियो माइनो कह कर भी कटाक्ष किया है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि सोनिया ने रायबरेली का कोई विकास नहीं किया. दिनेश सिंह ने रायबरेली की समस्या के लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया.
हालांकि दिनेश प्रताप सिंह को राजनीतिक पहचान कांग्रेस से मिली है. दिनेश प्रताप सिंह सपा, बसपा में रहे हैं, लेकिन चुनाव नहीं जीत सके. कांग्रेस का दामन थामने के बाद वो दो बार एमएलसी बने. उनके भाई अवधेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बने और एक भाई राकेश सिंह रायबरेली के हरचंदपुर विधानसभा सीट से 2017 में विधायक बने
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