पूर्णिया लोकसभा सीट पर मतदान संपूर्ण हो चुका है. पूर्णिया सीट पर जेडीयू उम्मीदवार संतोष कुमार जीत गए हैं. संतोष कुमार ने 2,63,461 वोटों से जीत दर्ज की है. संतोष कुमार को कुल 6 ,32,435 वोट हासिल हुए हैं. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार उदय सिंह को 3,69,278 मत प्राप्त हुए हैं.
पूर्णिया पूर्वोत्तर बिहार का सबसे बड़ा शहर है, जहां से नेपाल और पूर्वोत्तर भारत की ओर जाने का रास्ता गुजरता है. वर्तमान में पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय है, जिसके अंतर्गत अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जिले आते हैं. पूर्णिया सौरा नदी के पूर्वी किनारे पर बसा है. सीट पर मतगणना के दौरान मिलने वाले रुझान और अंतिम परिणाम जानने के लिए इस पेज पर बने रहें और इसे रिफ्रेश करते रहें.
कब और कितनी हुई वोटिंग
बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान में वोट डाले गए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 1764151 पंजीकृत वोटर हैं, जिनमें से 1153250 ने वोट डाला. सीट पर कुल 65.37 प्रतिशत मतदान हुआ.
प्रमुख उम्मीदवार
पूर्णिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी से उदय सिंह, जनता दल युनाइटेड से संतोष कुमार, बहुजन समाज पार्टी से जितेंद्र उरब, झारखंड मुक्ति मोर्चा से मंजू मुरमू और बिहार लोक निर्माण दल से सनोज कुमार चौहान चुनाव मैदान में थे. इसके अलावा बतौर निर्दलीय एमडी अख्तर अली, अनिरुद्ध मेहता, अर्जुन सिंह, अशोक कुमार सिंह, डॉ मृत्युंजय कुमार झा, राजीव कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुभाष कुमार ठाकुर, शोभा सोरेन, सगीर अहमद और अशोक कुमार शाह चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे.
2014 का चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से जेडीयू के संतोश कुमार कुशवाहा ने बीजेपी के उदय सिंह को शिकस्त दी थी. संतोष कुमार को 4 लाख 18 हजार 826 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार उदय सिंह के खाते में 3 लाख 2 हजार 157 वोट आए थे. इसके अलावा कांग्रेस के उम्मीदवार अमरनाथ तिवारी को एक लाख 24 हजार 344 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के अनुसार, पूर्णिया नगर निगम की कुल आबादी 282,248 थी, जिसमें से 148,077 पुरुष और 134,171 महिलाएं थीं. लिंग अनुपात 906 महिलाओं की तुलना में 1,000 पुरुष थे. राष्ट्रीय औसत की 74.04% की तुलना में 6 साल से कम की आबादी 43,050 थी. 6+ आबादी के लिए साक्षरता दर 73.02% है. 2011 में जनसंख्या 75.2% हिंदू और 23.3% मुस्लिम थी. पूर्णिया में बहुमत मैथिल आबादी है.
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सीट का इतिहास
साल 1957 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर फनी गोपाल सेन गुप्ता ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1962 और 1967 के चुनाव में भी उन्हीं को ही जीत मिली. इसके बाद 1971 में कांग्रेस के टिकट पर मोहम्मद ताहिर और 1977 में बीएलडी के लखनलाल कपूर ने जीत हासिल की, जबकि 1980 और 1984 के चुनाव में लगातार दो बार कांग्रेस के टिकट पर माधुरी सिंह ने चुनाव जीता. साल 1989 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर यहां से तस्लीमुद्दीन ने बाजी मारी थी. इसके बाद बाहुबली पप्पू यादव ने इस सीट को अपना सियासी गढ़ बना लिया.
साल 1996 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने चुनाव जीता था. हालांकि 1998 के चुनाव में बीजेपी के जयकृष्ण मंडल ने बाजी मार ली थी. साल 1999 में पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फिर एक बार चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की थी. इसक बाद 2004 और 2009 के चुनाव में बीजेपी के उदय सिंह को जीत मिली थी. साल 2014 के चुनाव में इस सीट से जेडीयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने जीत हासिल की थी.
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