जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पिछले दिनों हुए आंतकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले के बाद विपक्ष दल पुलवामा की घटना को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष को सवाल उठाना मंहगा पड़ा था, इसी मद्देनजर पुलवामा हमले पर मोदी सरकार को घेरने के बजाय विपक्ष बचता हुआ नजर आ रहा है.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी बीजेपी से लेकर तमाम विपक्षी दल एकमत हैं और सरकार व सुरक्षा एजेंसियों के हर कदम का समर्थन कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार और सेना के हर कदम के साथ हैं. आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाए कि दोबारा वे ऐसी घटना करने से पहले सोचें. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक वो राजनीतिक बात नहीं करेंगे.
वहीं, प्रियंका गांधी ने भी अपने लखनऊ दौरे के आखिरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस को स्थगित कर दिया था. कांग्रेस ही नहीं विपक्षी दलों की ओर से तमाम दल पुलवामा हमले को लेकर किसी तरह का कोई सवाल नहीं कर रहे हैं. जबकि पुलवामा हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रैलियों में लगातार इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं.
दरअसल विपक्षी दलों की खामोशी की सबसे बड़ी वजह सर्जिकल स्ट्राइक मानी जा रही है. उरी के आतंकी हमले के बाद सेना ने पाकिस्तान में आधी रात को सर्जिकल स्ट्राइक किया था. इस दौरान भारत के सेना ने पीओके में घुसकर पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को मार गिराया था.
मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले इस सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक कर दिया था. बीजेपी की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक को जश्न के तौर पर पेश किया गया था और देश भर में बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाकर इसका प्रचार प्रसार किया गया था. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि चुनावी फायदे के लिए मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक का इस्तेमाल कर रही है.
सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्षी दलों की ओर से किए सवाल पर नरेंद्र मोदी समेत तमाम बीजेपी नेताओं ने सख्त तेवर दिखाए थे. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष को ही सवालों के घेरे में ला दिया था. अब ऐसे में पुलवामा की आतंकी हमले के बाद विपक्षी एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है. यही वजह है कि विपक्षी मोदी सरकार पर जायज सवाल करने से भी बच रही है. जबकि बीजेपी विपक्ष में रहते हुए आतंकी हमलों पर जमकर मनमोहन सरकार को घेरा था.