पीएम मोदी ने शनिवार को एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद सांसदों को संबोधित किया. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर को भी याद किया और इनका उल्लेख करते हुए पहली बार चुनकर आए सांसदों को सीख दी.
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन में कुछ करना है तो छपास और दिखास से बचने की सलाह दी. मोदी ने कहा कि हम लोग जब नये-नये आए थे, तब अटलजी और आडवाणीजी की ओर से यह सीख मिली थी. हिदायत मिली थी कि अखबार में छपने और टीवी पर दिखने से बचें. नेता कम, शिक्षक अधिक नजर आएं. मोदी की यह सीख वैसे तो सांसदों के लिए थी, लेकिन इसके अन्य मायने भी तलाशे जा रहे हैं.
गौरतलब है कि अखबार में छपने या टीवी पर दिखने के लिए नेता अनाप-शनाप बयान दे देते हैं. कई दफे यह पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है और खूब किरकिरी हो जाती है. बता दें कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज पिछले 5 वर्ष में कई दफे पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं.
हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को पहला हिंदू आतंकवादी बताए जाने पर मीडिया से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ही गोडसे को देश भक्त कहा था. बाद में विवाद बढ़ने पर उन्होंने बयान वापस लेते हुए माफी मांग ली थी. इसके अलावे भी कई दफे ऐसा हुआ है, जब भाजपा नेताओं के बयान पार्टी की मुसीबत बढ़ाने वाले रहे हैं.
मोदी ने बता दी प्रेस कांफ्रेस न करने की वजह?
प्रचंड बहुमत के साथ लगातार दूसरी दफे सरकार बनाने जा रहे एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद छपास और दिखास से बचने की हिदायत को उनकी मीडिया से दूरी से जोड़ कर भी देखा जा रहा है. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने 5 साल के अपने कार्यकाल में एक बार भी प्रेस कांफ्रेस नहीं की.