कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 'स्कर्ट वाली बाई' कहने का मामला चुनाव आयोग पहुंच गया है. भारतीय सिविल लिबर्टीज यूनियन ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. लिबर्टीज यूनियन ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता जयकरण गुप्ता ने प्रियंका गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीश लगाने लगी है. बीजेपी नेता के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हुई.
मंगलवार को मेरठ में एक जनसभा के दौरान जयकरण गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की एक नेता तो बड़ी जोर-जोर से बोलती हैं, अच्छे दिन आए? उन्हें अच्छे दिन दिखाई नहीं देते. अरे स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीश नवाने लगी, गंगाजल से परहेज करने वाले लोग गंगाजल का आचमन करने लगे.
Jayakaran Gupta, BJP, in Meerut: Congress ke ek neta to badi jor-jor bolte hain, acche din aaye? Unhe acche din dikhayi nahi dete. Are skirt waali bai saari pehenkar mandir mein shish lagane lagi, gangajal se parhej karne waale log gangajal ka acchman karne lage. (02.04.19) pic.twitter.com/SHfoXPWPC2
— ANI UP (@ANINewsUP) April 3, 2019
जयकरण गुप्ता का यह बयान उस रैली से सामने आया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्य वक्ता थे. इसी रैली में एक और नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बिना रुके ‘कमल...कमल...कमल...’ कह रहे हैं.
विवादित बयान
बता दें कि प्रियंका गांधी को लेकर बीजेपी के कई नेता अब तक विवादित बयान दे चुके हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने भी प्रियंका गांधी को लेकर बयान दिया था. एक सभा को संबोधित करते हुए महेश शर्मा ने कहा था कि पप्पू कहता है कि प्रधानमंत्री बनेगा, अब तो पप्पू की पप्पी भी आ गई है. महेश शर्मा की टिप्पणी पर राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
वहीं बीजेपी के एक और नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी प्रियंका गांधी पर अशोभनीय टिप्पणी की थी. विजयवर्गीय ने कहा कि कभी कोई कांग्रेस नेता मांग करता है कि करीना कपूर को भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़वाया जाए, तो कभी इंदौर से चुनावी उम्मीदवारी को लेकर सलमान खान के नाम पर चर्चा की जाती है. इसी तरह, प्रियंका को कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में ले आया जाता है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस के पास मजबूत नेता नहीं हैं. इसलिए वह ऐसे चॉकलेटी चेहरों के माध्यम से चुनाव लड़ना चाहती है. अगर कांग्रेस में राहुल के नेतृत्व के प्रति आत्मविश्वास होता, तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं लाया जाता.
कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान तब आया था जब प्रियंका गांधी की औपचारिक तौर से राजनीति में एंट्री हो गई थी.