लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 संसदीय सीटों पर वोटिंग जारी है. इस बार के सियासी संग्राम में बीजेपी जहां एयर स्ट्राइक और राष्ट्रवाद सहित तमाम मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस न्यूनतम आय योजना (न्याय), राफेल और रोजगार सहित कई मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरी है.ऐसे में मतदाता वोट डालते समय किन मुद्दों के तरजीह देंगे या फिर जातीय समीकरण के मद्देनजर अपने सांसद का चुनाव करेंगी.
न्याय: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि सत्ता में आते हैं तो देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देंगे यानी छह हजार रुपये महीने. इस योजना का 20 फीसदी गरीबों को यानी 25 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा. ऐसे में वोटर मतदान करते समय क्या न्याय योजना को तवज्जो देंगे?
किसान: बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि हर किसान को सालाना 6 हजार रुपये की एक निश्चित रकम दी जाएगी. वहीं, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के लिए अलग से बजट का वादा किया.इसके अलावा किसानों के कर्ज न अदा कर पाने की स्थिति में जो क्रिमिनल ऑफेंस माना जाता था, उसे वो खत्म करेंगे.
पुलवामा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले की एक बस पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया था. इस एयर स्ट्राइक को बीजेपी नेता अपने चुनावी रैलियों में जोर-शोर से उठा रही है. ऐसे में वोटर क्या अपने मताधिकार का प्रयोग करते समय पुलवामा और एयर स्ट्राइक को तवज्जो देंगे.
राफेल डील: कांग्रेस राफेल डील के जरिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में नरेंद्र मोदी के लिए 'चौकीदार चोर है' के नारे लगा रहे हैं. वहीं, इसके जवाब में नरेंद्र मोदी ने अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ लिया. इसके बाद मोदी अपने जनसभाओं में कह रहे हैं कि चौकीदार के चलते भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो गई है.
रोजगार: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि हम सत्ता में आते ही 22 लाख पद खाली पड़े हैं उन्हें मार्च 2020 तक भरेंगे. इसका मतलब साफ है एक साल के अंदर 22 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. इसके अलावा 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार देने की बात कही है. ऐसे में रोजगार के मुद्दे पर मतदाता क्या वोट करेंगे?
आयुष्मान: मोदी सरकार आयुष्मान योजना को सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है. इस योजना के जरिए देश के 50 करोड़ को लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा और 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं निजी अस्पताल में पांच लाख तक के कराए जा सकते हैं.