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कांग्रेस ने नहीं दिया भाव, दिल्ली में AAP अकेले लड़ेगी चुनाव

केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर आप उम्मीदवारों को जिताएं. इससे साफ है कि दिल्ली में आप अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फोटो-AAP)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फोटो-AAP)

लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के गठबंधन के कयासों पर आप के संयोजक और अरविंद केजरीवाल ने विराम लगा दिया है. केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर आप उम्मीदवारों को जिताएं. इससे साफ है कि दिल्ली में आप अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी.

दरअसल, कांग्रेस की कमान दिल्ली में शीला दीक्षित के हाथों में दिए जाने के बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस और आप के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरेगी. लेकिन केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराना है तो दिल्ली की सभी सीटों पर आप उम्मीदवारों को जिताकर संसद भेंजे ताकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाया जा सके.

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हालांकि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. वो सभी अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में लगातार सक्रिय हैं. आतिशी को पूर्वी दिल्ली सीट, पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडेय को उत्तर पूर्वी दिल्ली, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को चांदनी चौक का प्रभारी बनाया गया है.

आप के कोषाध्यक्ष रहे युवा नेता राघव चड्ढा को दक्षिणी दिल्ली जबकि कुछ समय पहले बीजेपी से AAP में आए गुग्गन सिंह रंगा को उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया था. लेकिन नई दिल्ली सीट पर पश्चिमी दिल्ली सीट पर प्रभारी नियुक्त नहीं किया था. अब जब केजरीवाल ने कह दिया है कि वो सातों सीटों की बात की है तो ऐसे में बाकी बची दो सीटों पर भी प्रभारी नियुक्त करने होंगे.

हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन उन्हें एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. सभी सातों सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. जबकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में सातों सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी.

बता दें कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को राज्य की 70 सीटों में से 67 सीटों पर जीत मिली थी. बाकी 3 सीटें बीजेपी को मिली थी औैर कांग्रेस खाता भी नहीं खोल सकी थी.

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