scorecardresearch
 

काकीनाड सीट पर मतदान संपन्न, 23 मई को आएगा नतीजा

बीजेपी ने वेंकट राम मोहन राव को उतारा है तो वाईएसआर कांग्रेस की ओर से वंगा गीताविश्वनाथ प्रत्याशी हैं. कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है और गोडुगू सत्यनारायण को टिकट दिया है.

Advertisement
X
मतदान के लिए कतार में लगे लोग (ANI)
मतदान के लिए कतार में लगे लोग (ANI)

आंध्र प्रदेश की कुल 25 लोकसभा सीटों में एक काकीनाड सीट है. यहां पर पहले चरण में 11 अप्रैल को वोटिंग हुई. मतगणना 23 मई को होगी.

काकीनाड ईस्ट गोदावरी जिले में पड़ता है. पिछले चुनाव में तेलुगू देशम पार्टी के उम्मीदवार थोटा नरसिम्हम ने कांटे की लड़ाई में वाईएसआर कांग्रेस प्रत्याशी सुनील चलमलाशेट्टी को हराया था. इस बार भी टीडीपी ने चलमाशेट्टी को टिकट दिया है. कांग्रेस की ओर से श्री रामचंद्र मूर्ति उम्मीदवार हैं.

बीजेपी ने वेंकट राम मोहन राव को उतारा है तो वाईएसआर कांग्रेस की ओर से वंगा गीताविश्वनाथ प्रत्याशी हैं. कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है और गोडुगू सत्यनारायण को टिकट दिया है. जनसेना पार्टी ने ज्योथुला वेंकटेश्वर राव प्रत्याशी हैं. ऑल इंडिया पार्टी की ओर से डोनम नीलकंठ और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने वेंकटरमन्ना को टिकट दिया है.

Advertisement

लोकसभा चुनाव 2019 LIVE: अबकी बार किसकी सरकार? 91 सीटों के लिए वोटिंग, बूथों पर लंबी कतार

काकीनाड पूर्व में कांग्रेस की मजबूत सीट रह चुकी है. कांग्रेस ने 1957 से लेकर 1980 तक लगातार चुनाव जीता लेकिन 1984 में यह सिलसिला टूट गया जब टीडीपी ने यहां से जीत का खाता खोला. तब से लेकर 1984 तक टीडीपी जीतती रही हालांकि 2014 में नरसिम्हम काफी कम अंतरों से जीत पाए. उन्होंने मात्र 3,431 वोटों से वाईएसआर कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था. यहां बीजेपी भी एक बार 1998 में जीत चुकी है, जबकि समूचे आंध्र प्रदेश में इस पार्टी का न के बराबर जनाधार है.

आंध्र प्रदेश-तेलंगाना वोटिंग LIVE: 42 सीटों पर मतदान, रेड्डी ने कड़पा में की वोटिंग

टीडीपी सांसद थोटा नरसिम्हन और प्रसिद्ध उद्योगपति पोटलुरी वारा प्रसाद अभी हाल में वाइएसआर कांग्रेस में शामिल हुए. वाईएसआरसीपी में शामिल होने वाले वे टीडीपी के तीसरे सांसद हैं. पिछले महीने, अनकपल्ली लोकसभा सांसद अवंती श्रीनिवास और अमलापुरम सांसद पी. रविंद्र बाबू ने विपक्षी दल की सदस्यता ली थी. नरसिम्हन ने आरोप लगाया कि लंबे समय से टीडीपी की सेवा करने के बावजूद पार्टी में उनका अपमान हुआ और इसीलिए उन्होंने पार्टी छोड़ कर वाईएसआरसीपी की सदस्यता ली. उन्होंने यह निर्णय मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की ओर से विधानसभा चुनावों में उनकी पत्नी को पेड्डापुरम से चुनाव लड़ाने की मांग को ठुकराने के बाद लिया.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Advertisement
Advertisement