आंध्र प्रदेश की चित्तूर लोकसभा सीट पर मतदाताओं में गजब का जोश देखने को मिला. यहां पर 83.71 फीसदी वोटिंग हुई है. सुबह से ही यहां पर मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. यहां के मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता उमड़े.
इससे पहले आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुत्थपट्टू विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बंदरापल्ली में TDP और YSRCP के कार्यकर्ता भिड़ गए. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में दो समूहों में मारपीट को देखा जा सकता है. वीडियो में कुछ लोग दूसरे लोगों को घेरकर उनपर टूट पड़े हैं. इन्हें वश में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
वहीं YSR कांग्रेस ने कहा कि चित्तूर के कट्टूकिंडापल्ली गांव के लोगों ने YSR कांग्रेस के नेता के कपड़े फाड़ दिए और उनकी पिटाई की. YSR कांग्रेस का कहना है कि ये हमला टीडीपी नेताओं की शह पर हुआ, उन्होंने कहा कि बदमाशों ने टीडीपी नेता की गाड़ी में भी तोड़-फोड़ की.
#WATCH: Clash broke out between YSRCP and TDP workers in Puthalapattu Constituency in Bandarlapalli, Andhra Pradesh. Police resorted to lathi-charge pic.twitter.com/q7vxRIR0R8
— ANI (@ANI) April 11, 2019
बता दें कि यहां से टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद एक बार फिर से मैदान में है. नारामल्ली शिवप्रसाद अपने वेशभूषा को लेकर काफी चर्चा में रहे. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वे कभी हिटलर बनकर लोकसभा पहुंचे तो कभी गांधी.
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बीजेपी ने इस सीट से जयराम दुग्गानी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से चीमाला रंगप्पा चुनाव लड़ रहे हैं. वाईएसआरकांग्रेस ने इस सीट से एन रीडप्पा को टिकट दिया है. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के सी पुण्यमूर्ति चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से जनसेना पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है. चित्तूर से कुल 8 उम्मीदावार मैदान में हैं.
इस सीट के समीकरण पर सरसरी नजर डालें तो यहां पर अभी तक हुए लोकसभा चुनाव में टीडीपी का पलड़ा भारी रहा है, क्योंकि इस सीट से टीडीपी ने 7 बार जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस पार्टी को केवल 3 बार ही जीत मिली है. बीजेपी भी यहां पैर पसारने की कोशिश कर रही है.
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चित्तूर लोकसभा क्षेत्र में कभी कांग्रेस का एकतरफा राज था. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सीट से सबसे ज्यादा 11 आम चुनावों में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. हालांकि, 1982 में टीडीपी के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस का तेजी से पतन हुआ और 1982 के बाद हुए 9 आम चुनावों में कांग्रेस के महज दो बार ही जीत मिल सकी, जबकि 7 बार यह सीट टीडीपी के पास गई.
1982 में टीडीपी के गठन के बाद 1984 में आम चुनाव हुए जिसमें टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव की आंधी में यह सीट भी कांग्रेस के हांथों से निकल गई. हालांकि, 1989 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और 1991 में सीट पर जीत हासिल की, लेकिन कांग्रेस की जीत का सिलसिला यहीं थम गया और इसके बाद हुए 6 आम चुनावों में टीडीपी का लगातार इस सीट पर कब्जा रहा है. 2014 के आम चुनावों में टीडीपी नेता ने वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवार को मात देकर टीडीपी की जीत का सिलसिला जारी रखा.
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