झंझारपुर लोकसभा सीट पर जेडीयू के रामप्रीत मंडल ने राजद के गुलाब यादव को 322951 वोटों से हराया. जेडीयू के रामप्रीत मंडल को 602391 वोट मिले. वहीं, राजद के गुलाब यादव को 279440 वोट मिले. झंझारपुर का सियासी इतिहास काफी रोचक रहा है. कोसी और कमला नदी की गोद में बसा झंझारपुर इलाका दरभंगा जिले का हिस्सा है लेकिन अलग जिले की मांग यहां लगातार तेज हो रही है.
कब और कितनी हुई वोटिंग
झंझारपुर लोकसभा सीट पर 23 अप्रैल को तीसरे चरण में वोट डाले गए थे. इस सीट पर 1850486 पंजीकृत मतदाता (चुनाव आयोग के मुताबिक) हैं, जिसमें से 1059349 ने वोट डाला. इस संसदीय क्षेत्र में 57.25 प्रतिशत वोटिंग हुई.
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कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार
झंझारपुर लोकसभा सीट पर कुल 17 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस बार यहां आरजेडी और जेडीयू के बीच कांटे की टक्कर है. 2014 में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार जीता था. लेकिन इस बार एनडीए गठबंधन में यह सीट जेडीयू के हिस्से आई है, जिसने रामप्रीत मंडल को मैदान में उतारा है. वहीं आरजेडी ने गुलाब यादव को टिकट दिया है. बहुजन समाज पार्टी, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक), भारतीय मत्रि पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, आदर्श मिथिला पार्टी, शिवसेना, आम अधिकार मोर्चा, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) जैसे दलों के साथ 5 निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं.
2014 का चुनाव
झंझारपुर सीट पर 2014 में हुए चुनाव में बाजी बीजेपी के हाथ लगी थी. बीजेपी के उम्मीदवार बीरेंद्र कुमार चौधरी ने जीत हासिल की. बीरेंद्र कुमार चौधरी को 335481 वोट मिले. जबकि आरजेडी के मंगनी लाल मंडल को 280073 वोट मिले. तीसरे नंबर पर रहे जेडीयू के उम्मीदवार देवेंद्र प्रसाद यादव. जिन्हें 183598 वोट मिले.
सामाजिक ताना-बाना
झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं- खजौली, बाबूबरही, राजनगर, झंझारपुर, फूलपरास और लौकहा. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 पर जेडीयू, 2 पर आरजेडी और एक सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की. सांसद बीरेंद्र कुमार चौधरी से पहले यहां की राजनीति में श्यामनंदन मिश्र, भोगेंद्र झा, जगन्नाथ मिश्रा, धनिक लाल मंडल एवं गौरीशंकर राजहंस जैसे नेता सक्रिय रहे हैं. लेकिन तमाम बड़े नेताओं के प्रतिनिधित्व के बावजूद बेरोजगारी, पलायन और पिछड़ेपन आज भी झंझारपुर का पर्याय है.
सीट का इतिहास
1972 में इस सीट के अस्तित्व में आने का बाद हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जगन्नाथ मिश्रा यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1980 के चुनाव में जनता पार्टी(एस) के धनिक लाल मंडल यहां से चुने गए. 1984 के चुनाव में कांग्रेस के धनिकलाल मंडल को झंझारपुर की जनता ने चुना. इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर देवेंद्र प्रसाद यादव चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. फिर 1991, 1996, 1999 और 2004 के चुनावों में भी उन्हें जीत मिली. पहले के तीन चुनाव देवेंद्र प्रसाद यादव ने जनता दल उम्मीदवार के रूप में जीता. बीच में 1998 के चुनाव में आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव यहां से जीते.
1999 और 2004 के चुनाव में देवेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी के टिकट पर लड़े और चुनाव जीता. 2009 के चुनाव में झंझारपुर की जनता ने जेडीयू उम्मीदवार मंगनीलाल मंडल के सिर जीत का सेहरा बांधा. लेकिन 2014 के मोदी लहर में बीजेपी उम्मीदवार बीरेंद्र कुमार चौधरी को यहां का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.
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