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जयंत चौधरी: विदेश से की पढ़ाई, विरासत संभालने उतरे मैदान में

अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी आरएलडी का युवा चेहरा हैं, अब जयंत चौधरी के कंधों पर राजनीतिक विरासत की जिम्मेदारी है. दरअसल, बागपत से चुनाव हारने के बाद अजित सिंह ने आरएलडी का गढ़ कही जाने वाली बागपत लोकसभा सीट अपने बेटे जयंत चौधरी को सौंप दी है.

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आरएलडी नेता जयंत चौधरी
आरएलडी नेता जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को राजनीति विरासत में मिली है. जयंत चौधरी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह के बेटे हैं. 1978 में जन्मे जयंत चौधरी ने भी अपने पिता अजित सिंह की तरह विदेश में पढ़ाई की है.

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट जयंत चौधरी की शादी 2003 में हुई और उनके दो बेटियां हैं. अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी आरएलडी का युवा चेहरा हैं, अब जयंत चौधरी के कंधों पर राजनीतिक विरासत की जिम्मेदारी है. दरअसल, बागपत से चुनाव हारने के बाद अजित सिंह ने आरएलडी का गढ़ कही जाने वाली बागपत लोकसभा सीट अपने बेटे जयंत चौधरी को सौंप दी है.

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह परिवार की तीसरी पीढ़ी यानी जयंत चौधरी बागपत लोकसभा सीट से मैदान में हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में अजित सिंह मुजफ्फरनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बागपत लोकसभा सीट से जयंत सिंह चुनावी मैदान में हैं.

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जयंत चौधरी 15वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से सांसद रहे हैं. हालांकि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बदलते सियासी समीकरण और मोदी लहर के चलते जयंत मथुरा में हेमा मलिनी के चुनावी मैदान में उतरने के चलते हार गए थे. वहीं इससे पहले जयंत 2012 विधानसभा चुनाव में मांट से विधायक चुने गए थे.

2019 का लोकसभा चुनाव आरएलडी के लिए अस्तित्व की लड़ाई माना जा रहा है. दरअसल, 2014 लोकसभा चुनाव में आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह को दूसरी बार चुनाव में हार मिली थी. ऐसे में इस बार पार्टी के सबसे युवा नेता जयंत चौधरी को मैदान में उतारा है. जयंत के सामने अपने परिवारिक गढ़ की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाटों का गढ़ कही जाने वाली बागपत लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का दबदबा रहा है.

इस बार बागपत सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. एक तरफ जहां पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह बागपत से सांसद रह चुके हैं तो वहीं उनके बेटे अजित सिंह ने इस सीट से कई बार चुनाव जीता है. इस बार जयंत चौधरी की कोशिश पिता की परंपरागत सीट को फिर से आरएलडी के खाते में लाने की है.

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