जहानाबाद सीट पर जेडीयू उम्मीदवार चंदेश्वर प्रसाद जीत गए हैं. पारस ने 1751 वोटों से जीत दर्ज की है. चंदेश्वर प्रसाद को कुल 3,35,584 वोट हासिल हुए हैं. दूसरे नंबर पर आरजेडी के उम्मीदवार सुरेंद्र प्रसाद यादव को 3,33,833 मत प्राप्त हुए हैं.
यह इलाका नक्सल प्रभावित है और सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनशील है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक वामपंथ का सियासी गढ़ रहा है. 1998 के बाद से यहां सांसद बदलने का ट्रेंड रहा है. राज्य के पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाला जहानाबाद बिहार के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में पड़ता है. जहानाबाद संसदीय क्षेत्र जहानाबाद और अरवल जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है.
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कब और कितनी हुई वोटिंग
बिहार की जहानाबाद लोकसभा सीट पर 19 मई को सातवें चरण में वोटिंग हुई. इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,276,912 है. जिसमें से 680,766 पुरुष मतदाता और 596,146 महिला मतदाता हैं. जहानाबाद संसदीय सीट पर कुल 53.67 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई.
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प्रमुख उम्मीदवार
जहानाबाद लोकसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच रहा. आरजेडी ने यहां से सुरेंद्र प्रसाद यादव को चुनाव मैदान में उतारा, जबकि उनके सामने जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से चंदेश्वर प्रसाद मैदान में ताल ठोक रहे थे.
2014 का चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट से एनडीए की सहयोगी रही आरएलएसपी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार जीते, लेकिन बाद में पार्टी से मतभेद के बाद अलग हो गए. अब 2019 चुनाव से पहले आरएलएसपी भी एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में आ गई. इस कारण से जहानाबाद की सियासी लड़ाई पर हर किसी की नजर है. 2014 में अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42,340 वोटों से हराया. अरुण कुमार को 3,22,647 वोट मिले थे. जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 2,80,307 वोट. नोटा पर 10,352 मतदाताओं ने बटन दबाया.
सामाजिक ताना-बाना
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें अरवल, कुरथा, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मकदूमपुर आती हैं. इनमें से मकदूमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. ये सीटें जहानाबाद और अरवल जिलों में पड़ती हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से आरजेडी ने 4, जबकि जेडीयू ने 2 सीटें जीती थी. जहानाबाद में साक्षरता दर 77 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 74.04 प्रतिशत से काफी ज्यादा है. पुरुष साक्षरता दर 83 प्रतिशत और महिला साक्षरता दर 69 प्रतिशत है.
सीट का इतिहास
जहानाबाद संसदीय सीट पहले कांग्रेस फिर सीपीआई का गढ़ रही है. इस सीट से 6 बार सीपीआई को जीत हासिल हुई. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से 4 बार चुनकर लोकसभा गए. लेकिन 1998 के चुनाव में इस सीट ने सियासी करवट ली और आरजेडी ने समता पार्टी के अरुण कुमार को हराकर इस सीट से अपना खाता खोला. तब से इस सीट पर कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू को जीत हासिल होती रही.
1999 के संसदीय चुनाव में अरुण कुमार जेडीयू के टिकट पर आरजेडी उम्मीदवार को हराने में कामयाब रहे. 2004 के चुनाव में आरजेडी के गणेश प्रसाद सिंह ने अरुण कुमार को मात दी. लेकिन 2009 के चुनाव में जेडीयू ने यहां से जगदीश शर्मा को उतारा. जिन्होंने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को मात दी. 2014 के मोदी लहर में डॉ. अरुण कुमार एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के टिकट पर यहां से दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे.
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