कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 58 सालों बाद अहमदाबाद में उस तारीख यानी 12 मार्च को हुई, जिस दिन अंग्रेजों के खिलाफ गांधी जी ने दांडी मार्च की शुरुआत की थी. इसके बैठक के बाद रैली में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी 2019 के चुनावों को आज़ादी की लड़ाई के बराबर बताकर कहीं ना कहीं एक अलग नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की है.
वैसे इस बैठक का मुख्य मकसद लोकसभा चुनाव 2019 ही था. इसके लिए पार्टी ने मंथन भी किया. सूत्रों के मुताबिक राहुल ने साफ कर दिया कि बीजेपी के एजेंडे में फंसने के बजाय बेरोजगारी, किसान, राफेल में भ्रष्टाचार और 2014 में बीजेपी के वायदे ना पूरे करने वाले एजेंडे पर ही जनता के पास जाया जाए. सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इनकी गलत नीतियों के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह से ध्वस्त हो गई है. इसलिए यूपीए के वक़्त की बेहतर अर्थव्यवस्था को भी जनता को याद दिलाना चाहिए.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में उन पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश में चारों तरफ नफरत फैलाई जा रही है जिसका सभी को मिलकर मुकाबला करना है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सचेत किया कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की लगातार कोशिश की जाएगी, लेकिन वे रोजगार, किसानों और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर सवाल पूछते रहें.

प्रियंका गांधी ने बताया जीत का फार्मूला
सूत्रों ने बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि, सच ये है कि पीड़ित आम जनता है. बैठक में सभी 2019 के लिए एजेंडा तय करने की कवायद कर रहे थे. तभी सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यसमिति की बैठक में कहा कि अपनी न्यूनतम आमदनी योजना का बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार करें. इससे जनता प्रभावित होगी. इसे पार्टी जोर शोर से अपने घोषणापत्र में आकर्षक तरीके से रखे. इसके लिए प्रियंका गांधी ने इस योजना के लिए एक नाम 'न्याय' सुझाया. दरअसल, न्यूनतम का 'न्य', आमदनी का 'आ' और योजना 'का' ये लेकर ये नाम सामने आया.
सूत्रों के मुताबिक घोषणापत्र में पार्टी इसको इसी नाम से शामिल करेगी. दरअसल पार्टी को लगता है कि मनरेगा, किसान कर्ज माफी के साथ भोजन की गारंटी के लुभावने वायदे का उसे 2009 में खासा फायदा मिला था. पार्टी को लगता है कि 2004 में पार्टी ने 100 दिन रोजगार गारंटी का वायदा किया था, जिसका उसे फायदा मिला. कुल मिलाकर गांधी की धरती से पार्टी ने मोदी के गढ़ में 2019 का अपना एजेंडा साफ करने की कोशिश की है.