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Latehar Election Result 2019: लातेहार सीट से बैद्यनाथ और मनिका से रामचंद्र सिंह ने मारी बाजी

Latehar and Manika Assembly Election Result: झारखंड की लातेहार विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी बैद्यनाथ राम और मनिका विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रामचंद्र सिंह ने जीत हासिल की है.

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Jharkhand: Latehar and Manika Vidhan Sabha Election Result 2019 (File Photo- ANI)
Jharkhand: Latehar and Manika Vidhan Sabha Election Result 2019 (File Photo- ANI)

  • लातेहार और मनिका विधानसभा सीट पर 30 नवंबर को डाले गए थे वोट
  • लातेहार सीट से जेएमएम और मनिका सीट से कांग्रेस पार्टी ने मारी बाजी

झारखंड के लातेहार जिले की मनिका और लातेहार विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती पूरी हो गई है और चुनाव के नतीजे भी जारी कर दिए गए हैं. लातेहार विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बैद्यनाथ राम ने जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रकाश राम को 16,328 वोटों से करारी शिकस्त दी है.

इस बार लातेहार विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी. पिछली बार झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) पार्टी के टिकट से प्रकाश राम ने 26,787 वोटों से चुनाव जीता था. हालांकि बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था.

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वहीं, मनिका विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रामचंद्र सिंह ने 16,240 वोटों से जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुपाल सिंह को करारी मात दी. इस बार यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. पिछली बार मनिका विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के हरिकृष्ण सिंह ने 1083 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.

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लातेहार और मनिका विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 30 नवंबर को वोट डाले गए थे. झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीट पर कुल पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मिलकर चुनाव लड़ा है.

आपको बता दें कि लातेहार का नाम रांची-डाल्टनगंज रोड पर मौजूद लातेहार गांव के नाम पर रखा गया है. लातेहार जिला राजधानी रांची से 100 किमी दूर है.  लातेहार अपनी समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता, वन, वन उत्पादों और खनिज के लिए प्रसिद्ध है. 1924 के बाद से ही अनुमण्डल के रूप में यह पलामू जिले का एक अभिन्न हिस्सा रहा है. 77 साल बाद 4 अप्रैल 2001 में लातेहार को जिला घोषित कर दिया गया.

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लातेहार के एक तरफ छत्तीसगढ़ राज्य है तो दूसरी तरफ झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला, पलामू और चतरा जिला है. चेरो वंश के विभिन्न राजाओं ने लगभग 200 वर्षों तक पलामू में शासन किया है. चेरो वंश के सबसे प्रसिद्ध राजा मेदनी राय थे, जिन्होने 1665 से 1674 तक शासन किया.

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मुख्य रूप से यह जनजातीय जिला है. यहां करीब 45.54 फीसदी अनुसूचित जनजाति रहती है. लातेहार अपने घने जंगलों और हाथियों के लिए भी जाना जाता है. इस जिले के अंदर 166 गांव और 18 पंचायत हैं. चारों तरफ जंगलों से घिरा होने के कारण इस पर साम्राज्य स्थापित करने वाले आक्रमणकारियों की नजर कम जाती थी. लेकिन जंगलों और दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद पुराने शिलालेखों से पता चलता है कि यहां काफी विकसित सभ्यता थी.

इस क्षेत्र में आदिम जनजातियों का शासन चलता था. खरवार, उरांव और चेरो आदिवासी जातियां यहां पर शासन कर चुकी हैं. यह जिला नक्सल प्रभावित भी है जिसके सफाये के लिए भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

लातेहार की आबादी और शिक्षा

जनगणना 2011 के अनुसार लातेहार की कुल आबादी 726,978 है. इनमें से 369,666 पुरुष और 357,312 महिलाएं हैं. औसत लिंगानुपात 967 है. इस जिले की 7.1 फीसदी आबादी शहरी और 92.9 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. औसत साक्षरता दर 59.51 फीसदी है. जिले में पुरुषों में शिक्षा दर 69.97 फीसदी और महिलाओं की 48.68 फीसदी है. शहरी इलाकों का औसत साक्षरता दर 78.3 फीसदी और ग्रामीण इलाकों का औसत साक्षरता दर 58 फीसदी है.

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लातेहार का जातिगत गणित

अनुसूचित जातिः 154,910

अनुसूचित जनजातिः 331,096

लातेहार की धार्मिक आबादी

हिंदूः 473,049

मुस्लिमः 69,808

ईसाईः 47,653

सिखः 120

बौद्धः 128

जैनः 16

अन्य धर्मः 133,525

धर्म नहीं बतायाः 2,679

लातेहार में कामगारों की स्थिति

लातेहार में कुल 313,379 लोग विभिन्न प्रकार के रोजगार में लगे हैं. 37.4 प्रतिशत लोग स्थाई रोजगार में हैं या साल में 6 महीने से ज्यादा काम करते हैं.

मुख्य कामगारः 117,311

किसानः 47,375

कृषि मजदूरः 33,198

घरेलू उद्योगः 3164

अन्य कामगारः 33,574

सीमांत कामगारः 196,068

जो काम नहीं करतेः 413,599

लातेहार के प्रसिद्ध पयर्टक और धार्मिक स्थल

लातेहार में इंद्रा झरना तुबेद गांव के पास है. इस झरने की ऊंचाई मात्र 30 फीट है, लेकिन बारिश के मौसम में यहां का नजारा बेहतरीन हो जाता है. यहां पास में ही झुका हुआ गुफा भी है. यह जगह लातेहार से 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. तातापानी सुकारी नदी के किनारे गर्म पानी के लिए प्रसिद्ध है.

स्थानीय और पर्यटक इस गर्म पानी के स्नान का आनंद लेते हैं. सल्फर युक्त पानी सेहत और त्वचा के लिए अच्छा होता है. नवागढ़ किला या नारायणपुर किला ये लातेहार जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर नवागढ़ गांव के पास है. यह सोलहवीं शताब्दी में चेर्वोनिश शासक भागवत राय के एकाउंटेंट जज दास ने बनाया था. इसके अलावा बेतला राष्ट्रीय अभ्यारण्य भी है. इसी जिले में नेतरहाट नाम का खूबसूरत पर्यटन स्थल है. यहां का नेतरहाट बोर्डिंग स्कूल देश भर में विख्यात है. नेतरहाट को क्वीन ऑफ छोटा नागपुर भी कहा जाता है.

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लातेहार की सांस्कृतिक विरासत

जनी शिकार उत्सवः लातेहार जंगलों से घिरा हुआ है. इन जंगलों में जो आदिवासी रहते हैं उनकी आजीविका इन्हीं जंगलों से चलती हैं. अपने समाज की रक्षा करने के लिए महिलाएं पुरुष शिकारी भेष में शिकार करती थीं और लड़ाई लड़ती थीं. बाद में परंपरा के कारण बारह वर्षों के अंतराल पर पारंपरिक पुरुष वस्त्रों में महिलाएं जनी शिकार करने लगीं. अब यह परंपरागत त्योहार के रूप में 12 वर्षों के अंतराल पर महिलाओं द्वारा मनाया जाता है.

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