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कौन हैं गोपाल इटालिया, जिनके भाषण के वीडियो पर गुजरात में आया सियासी भूचाल

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. इस बार राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरी पार्टी के तौर पर आम आदमी पार्टी भी मैदान में है. ऐसे में बीजेपी और AAP के बीच शह-मात का खेल जारी है. ऐसे मेें AAP के गुजरात संयोजक गोपाल इटालिया के पुराने भाषणों वाले वीडियो ने सियासी भूचाल ला दिया है.

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गुजरात आम आदमी पार्टी के संयोजक गोपाल इटालिया
गुजरात आम आदमी पार्टी के संयोजक गोपाल इटालिया

गुजरात की सियासत में अरविंद केजरीवाल लोकलुभावने वादे कर सियासी संभावना तलाश रहे हैं और बीजेपी का विकल्प बनने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच केजरीवाल ताबड़तोड़ दौरे और कड़ी मशक्कत कर राजनीतिक माहौल बनाने में जुटे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल इटालिया के पुराने बयानों वाले वीडियो को जारी कर केजरीवाल को घेरने में जुट गई है तो आम आदमी पार्टी इसे पटेल समुदाय से जोड़ रही है.  

पीएम मोदी को 'नीच किस्म का आदमी' बताने का मामला अभी शांत भी ही नहीं हुआ था कि गोपाल इटालिया का एक और दूसरा पुराना वीडियो सामने आया है. इस वीडियों में वो महिलाओं को मंदिर और कथाओं में न जाने की सलाह देते नजर आ रहे हैं. इस विवादित बयान पर बीजेपी हमलावर है तो इटालिया कहते हैं कि गुजरात में AAP के उभरने से बीजेपी बौखला गई है. इन सबके बीच सभी जानना चाहते हैं कि गोपाल इटालिया कौन हैं? 

गुजरात पुलिस में कॉन्स्टेबल रहे गोपाल इटालिया पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे. साल 2015 हार्दिक पटेल के साथ मिलकर गुजरात में पाटीदार आरक्षण के लिए आंदोलन खड़ा किया और उसके बाद सियासत में कदम रखा. साल 2020 में आम आदमी पार्टी के साथ गोपाल इटालिया ने अपना सियासी सफर शुरू किया और जल्द की AAP के गुजरात उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए. आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने के कुछ महीनों के बाद ही केजरीवाल ने गोपाल इटालिया को प्रदेश संयोजकर बनाकर गुजरात में पार्टी की कमान सौंप दी. 

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इटालिया पुलिस कॉन्स्टेबल रहे

गोपाल इटालिया का जन्म 21 जुलाई 1989 को गुजरात के बोटाद में हुआ है. उन्होंने अपनी प्राथमिक पढ़ाई भावनगर जिले से की. इसके बाद इटालिया राजनीति विज्ञान में गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद से स्नातक किया और गुजरात पुलिस में भर्ती हो गए. साल 2013 में गोपाल इटालिया अहमदाबाद के मधुपुरा पुलिस स्टेशन में एक कॉन्स्टेबल के रूप में काम किए और 2014 में अहमदाबाद कलक्ट्रेट में राजस्व क्लर्क के रूप में काम किया. 

सरकारी नौकरी करते हुए गोपाल इटालिया सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में रुची लेने गए थे. ऐसे में सरकारी नौकरी से निकाले जाने के बाद वो बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का मुद्दा उठाना शुरू किया. शुरुआती दौर में इटालिया ने बोटाद जिले में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति से जुड़े और पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग उठाई. इसके बाद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटादीर आरक्षण के मुद्दे को लेकर आंदोलन खड़ा किया तो गोपाल इटालिया उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़े नजर आए. 

हार्दिक पटेल के पुराने सहयोगी

हार्दिक पटेल के साथ गोपाल इटालिया गुजरात में घूम-घूमकर पाटीदार आरक्षण आंदोलन खड़ा किया. इटालिया आक्रमक और जज्बाती तरीके से भाषण दिया करते थे. आनंदीबेन सरकार में पाटीदार आरक्षण की मांग को उठाने वालों में इटालिया भी शामिल थे. 2017 में इटालिया लोक रक्षक दल का सदस्य हुआ करते थे. ऐसे में उन्होंने शराब पर सख्त प्रतिबंध को लेकर उपमुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल को फोन किया था, जिसकी एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.

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गोपाल इटालिया की नितिन पटेल के साथ एक मिनट की बातचीत के ऑडियो क्लिप होने से गुजरात सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. इसकी वजह यह थी कि इटालिया ने पुलिस कॉन्स्टेबल बनकर आरोप लगाया था कि नए कानून से शराब की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और पुलिस, राजनेताओं, बूटलेगर्स के बीच गठजोड़ को मजबूत किया है. हालांकि, बाद में उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत कार्रवाई की गई थी. 

इटालिया ने जब मंत्री पर फेंका जूता
साल 2017 में गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर इटालिया ने जूता फेंका था. इसके चलते इटालिया को सेवा नियमों के उल्लंघन के लिए एक क्लर्क के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. इटालिया उस समय तक पाटीदार समुदाय के नेता बन गए थे. इसके बाद 2018 में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता के तौर पर खुद को गुजरात में स्थापित कर लिया था. इसके बाद भी उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय किया और साल 2020 में आम आदमी पार्टी में कदम रखा और पाटीदार समुदाय के युवाओं को जोड़ा. 

निकाय चुनाव में दिलाई जीत
गुजरात में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष बनने के बाद गोपाल इटालिया ने पार्टी के सियासी जनाधार को मजबूत किया. साल 2021 के निकाय चुनाव में इटालिया के अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने छह नगर निगमों, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, भावनगर और जामनगर के लिए चुनाव लड़ा. इसे सूरत और राजकोट में बड़ी सफलता मिली. छह नगर निगमों में 13.28 फीसदी वोट मिले. इटालिया ने चुनाव में सफलता का श्रेय पार्टी के सकारात्मक और ईमानदार प्रचार को दिया. इसके चलते 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी उनकी अगुवाई में लड़ रही है तो बीजेपी उनके पुराने वीडियो को लेकर घेरने में जुट गई है. 

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