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कोर्ट के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाने का वादा, केजरीवाल को EC का नोटिस

अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हस सभी अदालत और बार के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाने के लिए तैयार हैं. अगर हमें जगह दें तो हर जगह हर कोर्ट के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाएंगे.

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अरविंद केजरीवाल पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप (फाइल फोटो)
अरविंद केजरीवाल पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप (फाइल फोटो)

  • अदालतों में मोहल्ला क्लिनिक बनाने का बयान
  • आचार संहिता उल्लंघन मामले में हुई कार्रवाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुख्य निर्वाचन आयोग ने नोटिस भेजा है. केजरीवाल को नोटिस 13 जनवरी को दिए गए एक बयान को लेकर मिला है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से कहा था कि हस सभी अदालत और बार के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाने के लिए तैयार हैं. अगर हमें जगह दें तो हर जगह हर कोर्ट के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाएंगे.

इसी बयान को लेकर अरविंद केजरीवाल को चुनाव आयोग का नोटिस मिला है. अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें शुक्रवार तक जवाब देना होगा. केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने शिकायत दर्ज कराई थी.

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चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके द्वारा की गई टिप्पणी के बाद नोटिस जारी किया है. दिल्ली बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक समारोह में तीज हजारी कोर्ट में मकर संक्रांति और लोहड़ी समारोह में 13 जनवरी को उनके द्वारा की गई टिप्पणी पर आयोग ने उन्हें एक नोटिस दिया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपना जवाब भेजने के लिए कल (31 जनवरी, 2020) शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है. इसमें नाकाम रहने पर आयोग अगला कदम उठाएगा. 

अरविंद केजरीवाल को भेजा गया नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर है, जिसके खिलाफ बीजेपी ने 14 जनवरी को शिकायत की थी. दिल्ली के सीईओ कार्यालय से ईसीआई को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था, अगर जमीन दी गई तो हम अदालतों और बारों के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाएंगे. यदि आप हमें हर अदालत में जगह देते हैं तो एक मोहल्ला क्लिनिक बनाने के लिए केवल 2-3 कमरों की आवश्यकता होती है.

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यह मुख्यमंत्री की ओर से किया गया एक चुनावी वादा था और आदर्श आचार संहिता, भाग VII के अनुसार, सत्ता में कोई भी दल चुनाव प्रचार के दौरान सड़कों के निर्माण, पेयजल आदि का कोई वादा नहीं कर सकता.

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