
बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर मतगणना देर रात तक खत्म हुई. सिकटी सीट पर सीधी लड़ाई विजय कुमार मंडल (BJP) और डॉक्टर शत्रुघ्न मंडल (RJD) के बीच रही. इस अहम मुकाबले में बीजेपी के विजय कुमार मंंडल ने बाजी मारी. यहां तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को 53.6% वोटिंग हुई थी. सिकटी से 14 उम्मीदवार मैदान में थे.
इस बार चुनाव आयोग ने कोरोना के मद्देनजर वोटिंग के दौरान कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें मतदान कर्मियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की स्वच्छता, मास्क पहनना, थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाइजर और पानी की उपलब्धता और अन्य मापदंडों का पालन सुनिश्चत कराया जाना शामिल था.

2015 के विधानसभा चुनाव में भी सिकटी सीट पर कमल खिला था. भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार मंडल ने 76995 (46.48%) वोट पाकर कमल खिलाया था. उन्होंने जेडीयू के शत्रुघन प्रसाद सुमन (68889, 41.59%) को हराया था. इस चुनाव 165742 (63%) वोटरों ने मतदान किया था, जबकि 241 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे. सिकटी विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही अनारक्षित सीट रहा है.
सिकटी विधानसभा 1977 में अस्तित्व में आया
बिहार के अररिया जिले का सिकटी विधान सभा क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया था. इससे पहले यह पलासी विधान सभा क्षेत्र में था. 2009 के परिसीमन के बाद इस क्षेत्र में भौगालिक व सामाजिक परिवर्तन हुए, जिसके बाद किशनगंज लोकसभा में शामिल सिकटी विधानसभा को अररिया लोकसभा से जोड़ दिया गया. तीन प्रखंडों की 37 पंचायतों को मिलाकर सिकटी विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया था. इसमें पलासी प्रखंड की 10, सिकटी की 14 व कुर्साकांटा प्रखंड की 13 पंचायतें शामिल हैं.