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Aurangabad: नक्सलियों ने लगाए चुनाव बहिष्कार के पोस्टर

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नक्सलियों ने दखल देना शुरू कर दिया है. औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में नक्सलियों ने पोस्टर लगाकर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. लोगों से पुलिस राज ध्वस्त कर क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार बनाने का आह्वान किया गया है. नक्सलियों की इस करतूत के बाद सीआरपीएफ और पुलिस की टीम भी सक्रिय हो गई है.

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नक्सलियों ने लगाए चुनाव बहिष्कार के पोस्टर
नक्सलियों ने लगाए चुनाव बहिष्कार के पोस्टर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नक्सलियों ने बिहार चुनाव 2020 में शुरू किया दखल
  • एक नक्सली जुराही नहर के पास से किया गया गिरफ्तार

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नक्सलियों ने दखल देना शुरू कर दिया है. औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में नक्सलियों ने पोस्टर लगाकर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. लोगों से पुलिस राज ध्वस्त कर क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार बनाने का आव्हान किया गया है. नक्सलियों की इस करतूत के बाद सीआरपीएफ और पुलिस की टीम भी सक्रिय हो गई है. 

यहां लगाए पोस्टर 

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सदस्यों ने जंगली इलाकों के कई गांव में पोस्टर लगा दिए. नक्सलियों ने पोस्टर के जरिए लोगों से कहा है कि पुलिस का राज ध्वस्त करें. भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनानी है, तो क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार का निर्माण करें. इन पोस्टर पर ​लिखा गया है कि 'कोरोना महामारी से मुक्ति पाना है, तो क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार बनानी है'. इसके अलावा नक्सलियों ने एनआरसी, नए कृषि बिल, नई शिक्षानीति को लेकर भी पोस्टर लगाए हैं. नक्सलियों का कहना है कि इन व्यवस्थाओं से मुक्ति चाहिए तो वोट बहिष्कार करें. नक्सलियों द्वारा ये पोस्टर मदनपुर थाना के सहियारी, सहजपुर सहित कई अन्य जगहों पर लगाए गए हैं. 

एक नक्सली गिरफ्तार

इससे पहले औरंगाबाद के मदनपुर से सीआरपीएफ की कोबरा और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से की गई कार्रवाई में एक नक्सली गिरफ्तार हुआ है. सुरेश सिंह भोक्ता नाम के इस नक्सली को जुराही नहर के पास से दबोचा गया है. इंस्पेक्टर सुभाष चंद ने बताया कि गिरफ्त में आया नक्सली जोनल कमांडर अमरेश सिंह भोक्ता के संपर्क में था. उसके द्वारा पुलिस गतिविधि की जानकारी मोबाइल से नक्सली गिरोह को दी जा रही थी. पुसिल ने बताया कि उसके द्वारा नक्सलियों को खाने-पीने का सामान पहुंचाने का भी काम किया जाता था.

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