बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान चल रहा है. इससे पूर्व हुए चुनाव में वोट बहिष्कार की खूब खबरें मिलीं, लेकिन मुजफ्फरपुर जिले की औराई विधानसभा के लोगों ने स्थायी पुल की मांग को लेकर मतदान बहिष्कार नहीं, बल्कि वोट को अपना हथियार बना लिया है. लोगों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया था, लेकिन इस बार वोट करके ऐसे नेता को चुनने जा रहे हैं, जो ग्रामीणों की इस बड़ी समस्या का समाधान करे.
मुजफ्फरपुर जिले के औराई विधानसभा की बात करें, तो यहां आज भी ग्रामीण चचरी के पुल से गुजरते हैं. डुमरी और सुंदरखौली गांव के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से स्थायी पुल की मांग चली आ रही है. लोकसभा चुनाव 2019 में इस मांग को लेकर यहां के लोगों ने वोट बहिष्कार भी कर दिया था, लेकिन इस चुनाव में ये लोग मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
लोगों का कहना है कि वे अपने वोट को हथियार बनाकर अपनी मांगों के लिए लड़ना चाहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से चचरी का पुल बड़ी समस्या है. इस पुल से लोग सिर्फ पैदल ही गुजर सकते हैं. स्थायी पुल न होने से गांव में चार पहिया वाहन नहीं पहुंच सकता है.
ये बोले वोटर
यहां के वोटर मोहम्मद अरमान ने बताया कि इस बार सिर्फ विकास के मुद्दे पर वोट कर रहे हैं. पुल को लेकर बड़ी समस्या है. ऐसा नेता चुनने जा रहे हैं, जो पुल बनवाकर लोगों की इस बड़ी समस्या का समाधान कर सके.
वहीं, आशिफ ने बताया कि बदलाव को लेकर हम लोग मतदान कर रहे हैं, ताकि इस बार ऐसी सरकार बने, जो ग्रामीणों की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान कर सके. बता दें कि औराई विधानसभा का अधिकतर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहता है. बाढ़ आते ही यहां की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इसके बाद यहां के ग्रामीणों के पास आवागमन के लिए चचरी का पुल एक मात्र साधन रह जाता है.
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