मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट बिहार की उन चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है, जहां के परिणाम पर सबकी निगाहें टिकी हैं. बोचहां विधानसभा सीट, बिहार की राजनीति के दिग्गजों में शुमार किए जाने वाले रमई राम की परंपरागत सीट है. आठ बार विधायक रहे रमई राम और बोचहां एक दूसरे के पर्याय से बन गए थे, लेकिन पिछले चुनाव में एक निर्दलीय ने रमई राम का मजबूत किला ध्वस्त कर दिया.
बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी बेबी कुमारी ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रमई को 24 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दे दी थी. बेबी कुमारी को 67 हजार से अधिक वोट मिले थे. वहीं, आठ बार के विधायक रमई 44 हजार वोट के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सके थे और निर्दलीय के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी.
तब शिवसेना के लाल बाबू पासवान 11 हजार 877 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इससे पहले साल 2010 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रमई राम ने जेडीयू के मुसाफिर पासवान को 54 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से हराया था. तब रमई राम को 77 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि मुसाफिर 23 हजार वोट के करीब ही पहुंच सके थे.
इस बार फिर आरजेडी ने रमई राम को मैदान में उतारा है. एनडीए की ओर से विकासशील इंसान पार्टी ने मुसाफिर पासवान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी ने अमर आजाद, प्लूरल्स पार्टी ने अभिमन्यू कुमार को टिकट दिया है.
1980 से विधायक थे रमई राम
बोचहां विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो रमई राम साल 1980 से ही बोचहां विधानसभा सीट से विधायक थे. रमई का अभेद्य माना जाने वाला किला निर्दलीय उम्मीदवार बेबी ने ध्वस्त कर दिया. अब जेडीयू और आरजेडी, दोनों ही खेमे निर्दलीय बेबी को हराने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं. रमई राम से पहले 1977 में जनता पार्टी के कमल पासवान विधायक निर्वाचित हुए थे.
बोचहां में करीब 3 लाख मतदाता
बोचहां विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन लाख मतदाता हैं. पिछले चुनाव में बोचहां सीट पर भारी मतदान हुआ था. करीब 66 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. बोचहां विधानसभा क्षेत्र में मतदान तीसरे चरण में 7 नवंबर को हुआ. बोचहां सीट पर 64.87 फीसदी मतदान हुआ. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.