scorecardresearch
 

झाझा विधानसभा सीट: JDU के गढ़ में खिला था कमल, क्या फिर से वापसी करेंगे दामोदर

जमुई लोकसभा सीट के अन्तर्गत आने वाली इस विधानसभा सीट को जेडीयू का गढ़ माना जाता है और उसके टिकट पर दामोदर रावत चार बार विधायक बन चुके हैं. हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी ने सेंधमारी की थी और रबिंद्र यादव जीतने में कामयाब हुए थे.

Advertisement
X
जेडीयू नेता दामोदर रावत (फाइल फोटो)
जेडीयू नेता दामोदर रावत (फाइल फोटो)

झाझा विधानसभा सीट, बिहार राज्य की 243 विधान सभा क्षेत्रों में से एक है. जमुई लोकसभा सीट के अन्तर्गत आने वाली इस विधानसभा सीट को जेडीयू का गढ़ माना जाता है और उसके टिकट पर दामोदर रावत चार बार विधायक बन चुके हैं. हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी ने सेंधमारी की थी और रबिंद्र यादव जीतने में कामयाब हुए थे. इस बार देखना होगा कि यह सीट जेडीयू के खाते में जाती है या बीजेपी के खाते में.

झाझा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
इस सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था और कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह पहले विधायक बने थे. इसके बाद 1957 में कांग्रेस के भगवत मुर्मू जीतने में कामयाब हुए. 1957 में ही हुए चुनाव में कांग्रेस के चंद्र शेखर सिंह फिर जीते. 1962 के चुनाव में श्री कृष्ण सिंह जीते. 1967 के चुनाव में एस. झा जीतने में कामयाब हुए. 1969 के चुनाव में कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह फिर जीते. 1972 और 1977 के चुनाव में शिवनंदन झा जीते. 1980 और 1985 के चुनाव में शिव नंदन प्रसाद यादव जीतने में कामयाब हुए. 1986 उपचुनाव में कांग्रेस के आरके यादव जीते. 1990 में शिवनंदन झा ने वापसी की और चुनाव जीते. 

1995 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रबिंद्र यादव जीतने में कामयाब हुए. इसके बाद लगातार चार चुनाव में दामोदर रावत जीते. 2000, 2005-फरवरी, 2005-अक्टूबर और 2010 के चुनाव में दामोदर रावत जेडीयू के टिकट पर लड़े और जीते. 2015 के चुनाव में बीजेपी के रबिंद्र यादव ने जेडीयू के दामोदर रावत को पटखनी दी.

Advertisement

सामाजिक तानाबाना
झाझा विधानसभा सीट पर कुल 2,71,576 मतदाता हैं, जिनमें 1,44,232 पुरुष और 1,27,340 महिलाएं हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 16 फीसदी है. सीट के 89 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जबकि 11 फीसदी आबादी शहर में. 2015 के चुनाव में इस सीट पर करीब 54 फीसदी मतदान हुआ था.

2015 के चुनाव के नतीजे
2015 के चुनाव में बीजेपी के रबिंद्र यादव ने जेडीयू के दामोदर रावत को करीब 22 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. रबिंद्र यादव को 65 हजार 537, जबकि दामोदर रावत को 43 हजार 451 वोट मिले थे. तीसरे नंबर निर्दलीय प्रत्याशी बिनोद प्रसाद यादव (20 हजार 745 वोट) और चौथे नंबर पर बसपा के अविद कौसर (11 हजार 444 वोट) पाकर रहे थे.

विधायक रबिंद्र यादव के बारे में
विधायक रबिंद्र यादव दूसरी बार विधायक हैं. इससे पहले वह कांग्रेस से जीते थे, लेकिन 2015 के चुनाव से पहले उन्होंने पाला बदला और बीजेपी में आ गए. रबिंद्र यादव के पिता शिव नंदन प्रसाद यादव भी झाझा सीट से विधायक रह चुके हैं. 2015 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. उनके पास करीब 1.50 करोड़ की संपत्ति है और 17 लाख रुपये की देनदारी है.

Advertisement

कौन- कौन है मैदान में?
झारखंड मुक्ति मोर्चा- अजीत कुमार
लोक जनशक्ति पार्टी- रबिंद्र यादव
जनता दल यूनाइटेड- दामोदर रावत
राष्ट्रीय जनता दल- राजेंद्र प्रसाद

कब हुआ चुनाव? 
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – 10 नवंबर

कितने फीसदी मतदान?

झाझा विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 61.3 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.

 

Advertisement
Advertisement