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बंगाल में एक और 'ऑडियो टेप', सिंडिकेट और कट मनी पर चर्चा

इस वायरल ऑडियो में ममता सरकार और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी पर गंभीर आरोप लगे हैं. इसमें कथित तौर पर कटमनी और सिंडिकेट रैकेट के खेल की पोल खोली गई है. आजतक इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

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ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (फाइल फोटो-PTI)
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तीसरे फेज की वोटिंग से दो दिन पहले ऑडियो टेप वायरल
  • ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी तक हर महीने 35 करोड़ पहुंचाने का दावा
  • ऑडियो में दो लोग बात कर रहे हैं, अभिषेक बनर्जी पर कई आरोप लगे

पश्चिम बंगाल में तीसरे फेज की वोटिंग से दो दिन पहले एक और 'ऑडियो बम' फूटा है. इसके आधार पर बीजेपी ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है. ऑडियो टेप में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी तक हर महीने 35 करोड़ रुपये पहुंचाने की बात की जा रही है. आजतक इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

इस वायरल ऑडियो में ममता सरकार और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी पर गंभीर आरोप लगे हैं. इसमें कथित तौर पर कटमनी और सिंडिकेट रैकेट के खेल की पोल खोली गई है. दावा किया जा रहा है कि ऑडियो टेप में कोयला तस्करी के आरोपी अनूप मांझी के करीबी गणेश बागड़िया नाम के शख्स और एक सरकारी अफसर के बीच बातचीत हो रही है. ऑडियो क्लीप में जो आवाज है उसमें दो शख्स सिंडिकेट के खेल पर बात कर रहे हैं. एक पूछ रहा है तो दूसरा समझा रहा है कि सिंडिकेट आखिर होता क्या है? और काम कैसे करता है?

ऑडियो क्लिप में क्या है?
पहला व्यक्तिः
ये सिंडिकेट क्या है?
दूसरा व्यक्तिः ये मैं बहुत सुनता हूं...पेपर वगैरह में पढ़ता हूं सिंडिकेट...सिंडिकेट...
पहला व्यक्तिः सिंडिकेट तो बंगाल का पेट वर्ड है. क्या है ये?
दूसरा व्यक्तिः एक सिंडिकेट है, वहां पर जो न्यू टाउन एरिया में नया कंस्ट्रक्शन हो रहा है...वहां सिंडिकेट फॉर्म कर दिया पॉलिटिकली...जिसको भी बालू, पत्थर, ईंट, मटैरियल लेना है...उसे सिंडिकेट के जरिए ही लेना पड़ेगा और वही सिंडिकेट बंगाल में मशहूर हो गया...
पहला व्यक्तिः उसका फिर कट कहां जाता है? जो भी कलेक्शन होता होगा, उसका कट कहां जाता होगा?
दूसरा व्यक्तिः जैसे मानो किसी चीज का रेट 100 रुपए है. सिंडिकेट वाले लेते हैं 120 रुपए...खराब क्वालिटी देते हैं...नाप-तौल में गलती...सिंडिकेट वाले कमाते हैं और पॉलिटिकल बॉसेस हैं...अपना अंडरस्टेंडिंग रहता है....
पहला व्यक्तिः मोटामोटी कितना वहां तक पहुंच जाता था? अभिषेक तक कितना पहुंच जाता था?
दूसरा व्यक्तिः दो साल, ढाई साल...35 तो लग रहा है...उस तक पहुंच जाता था...हर महीने...बाकी जो बचा, वो विनय बाबू खा जाते थे...
पहला व्यक्तिः यानी कि वहां तक डिलीवरी कम से कम 35 तक हो जाती थी?
दूसरा व्यक्तिः अशोक मिश्रा के पास सही जानकारी है...वही देता था सारा पैसा...लास्ट ढाई-तीन साल से...आखिरी तीन साल से वही देता था...3-4 साल हो गया...
पहला व्यक्तिः इसका मतलब ये है कि जो अभिषेक है, वो क्रिमिनल माइंड का है. 
दूसरा व्यक्तिः कितना मर्डर हो रहा है...देख रहे हैं...कौन है इसके पीछे? 
पहला व्यक्तिः पब्लिक क्यों नहीं इसके खिलाफ हो रही है?
दूसरा व्यक्तिः देखिए क्या होता है?...हमने अपने सर को बताया कि ममता बनर्जी एक इतना बड़ी लाइन खींचती है ऊपर जाने के लिए...अभिषेक बनर्जी उनती ही बड़ी लाइन नीचे खींच देता है...

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बीजेपी बोली- उगाही की व्यवस्थित प्रणाली चल रही
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस कथित ऑडियो टेप को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस ऑडियो टेप में जो तथ्य है, वो बड़े ही चिंताजनक है. वो दिखाते हैं कि आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की नाक के नीचे किस तरह से भ्रष्टाचार, कटमनी, सिंडिकेट राज चल रहा है. इन ऑडियो टेप में बड़ा खुलासा ये भी हो रहा है कि एक बड़ी ही व्यवस्थित प्रणाली उगाही की वहां पर चल रही है.  

रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो

 

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