scorecardresearch
 

Exit poll: बंगाल में BJP को बढ़त, क्या रहे शानदार प्रदर्शन के अहम फैक्टर

पिछले 10 सालों से बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की टीएमसी के इस बार सरकार बनाने के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. वहीं, पिछले चुनाव में महज 3 विधायकों वाली बीजेपी इस बार राज्य में सरकार के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में आखिर क्या कारण हैं, जिसके दम पर पांच सालों में बीजेपी बंगाल के अंतिम पायदान से उठकर पहले नंबर दो और नंबर वन की कुर्सी पर विराजमान होती दिख रही है.

Advertisement
X
ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी
ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी को 134 से 160 सीटें मिलने का अनुमान
  • SC-ST-OBC वोटर बीजेपी के जीत का फैक्टर
  • कांग्रेस-लेफ्ट का वोट बीजेपी में शिफ्ट हो गया है

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने जा रही है. पिछले 10 सालों से बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की टीएमसी के इस बार सरकार बनाने के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. वहीं, पिछले चुनाव में महज 3 विधायकों वाली बीजेपी इस बार राज्य में सरकार के आसार नजर आ रहे हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल में भले ही दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर की संभावना जतायी हो, लेकिन टीएमसी को काफी सीटों का नुकसान होता दिख रहा हो तो बीजेपी को जबरदस्त फायदा. ऐसे में आखिर क्या कारण हैं, जिसके दम पर पांच सालों में बीजेपी बंगाल के अंतिम पायदान से उठकर पहले नंबर दो और नंबर वन की कुर्सी पर विराजमान होती दिख रही है.  

बंगाल में किसे कितनी सीटें मिल रही हैं

इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बंगाल की 292 सीटों पर बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे का मुकाबला है. सर्वे की माने तो बीजेपी गठबंधन को सबसे ज्यादा 134 से 160 सीटें मिलने की संभावना है जबकि टीएमसी गठबंधन को 130 से 156 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन का बंगाल से पूरी तरह सफाया होता नजर आ रहा है और उसे 0-2 सीटें और अन्य 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है. यही नहीं बाकी एग्जिट पोल में भी बीजेपी  को 100 के पार दिखाया गया है तो 4 एग्जिट पोल्स में उसे बहुमत से लेकर बंपर सीटें तक मिलने का अनुमान जताया है. 

बीजेपी के वोट फीसदी में जबरदस्त इजाफा
पश्चिम बंगाल में पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 10 फीसदी वोट मिले थे और उसे सिर्फ तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. इस नतीजे के बाद भी बीजेपी ने बंगाल को फतह करने के अपने मंसूबों को छोड़ा नहीं और तीन साल के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे जबरदस्त फायदा मिला. बीजेपी 42 फीसदी वोटों के साथ 18 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही और इस बार 43 फीसदी वोटों के साथ 134 से 160 सीटें मिलने का अनुमान है. एक तरह से बीजेपी को पांच साल में साढ़े चार गुना वोटों का वोटों का इजाफा हो रहा है. 

Advertisement

बीजेपी के लिए SC-ST-OBC वोटर अहम
बीजेपी के बंगाल में सियासी ग्राफ बढ़ने और सरकार बनाने की संभावना में अनुसूचित जातीय (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), मथुआ और ओबीसी वोटर अहम भूमिका नजर आ रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के लिहाज से देखे तो 58 फीसदी एसटी, 62 फीसदी एससी, 50 फीसदी मथुआ, 61 फीसदी ओबीसी, 60 फीसदी सामान्य जातीय और  45 महिष्य समाज का वोट बीजेपी को मिलता दिख रहा है. ये समुदाय अभी तक ममता के मजबूत वोटबैंक माने जाते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने टीएमसी से ज्यादा बीजेपी पर भरोसा जताया है. ममता के साथ सबसे मजबूत वोटबैंक के तौर पर मुस्लिम समुदाय रहा है, जिसका 75 फीसदी वोट टीएमसी को मिलता दिख रहा है. इसके अलावा बाकी समुदाय के वोट औसतन 30 फीसदी ही मिलता नजर आ रहा है. बीजेपी ने ममता बनर्जी के जातीय समीकरण को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है.

विकास होबे और आसोल परिवर्तन होबे
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 35 फीसदी लोगों ने विकास के मुद्दे पर वोट किया है. इसके अलावा 21 फीसदी लोगों ने बंगाल में सत्ता परिवर्तन के मुद्दे को ध्यान रखते हुए वोटिंग किया है. बीजेपी ने विकास और सत्ता परिवर्तन को चुनावी मुद्दा बनाया था और इन्हीं दोनों मुद्दे पर पार्टी वोट मांग रही थी. हालांकि, 10 फीसदी लोगों ने सीएम ममता बनर्जी के चेहरे पर तो 8 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के नाम पर वोट किया है. एक तरह से बीजेपी ने बंगाल को जीतने के लिए जिन मुद्दों को लेकर मैदान में उतरी थी, उसमें वो कामयाब रही. बंगाल में ममता बनर्जी के खेला होबे नारे के जवाब में मोदी ने विकास होबे और आसोल परिवर्तन होबे का नारा दिया था.  

Advertisement

उत्तर बंगाल-जलपाईगुड़ी बना बीजेपी क दुर्ग
पश्चिम बंगाल में बीजेपी को सबसे बड़ी जीत जलपाईगुड़ी इलाके की सीटों में मिल रही है, जहां पार्टी क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक जलपाईगुड़ी इलाके में कुल 27 सीटें हैं और सभी सीटें बीजेपी को मिलती दिख रही है जबकि बाकी किसी पार्टी का यहां खाता खुलता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे ही बर्धवान और मेदनीपुर इलाके में भी बीजेपी बेहतर प्रदर्शन करने के अनुमान हैं. बर्धवान इलाके की कुल 54 सीटों में से बीजेपी 36 और टीएमसी 18 सीटें मिलती दिख रही है. ऐसे ही मेदनीपुर इलाके में कुल 56 सीटें है, जिनमें से बीजेपी को 34 और टीएमसी को 21 सीटें मिलने के आसार दिख रहे हैं. 

कांग्रेस-लेफ्ट का वोट बीजेपी में शिफ्ट
बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस-लेफ्ट का सफाया दिखाया है. हालत यह है कि कांग्रेस-लेफ्ट के लिए खाता खोलने की भी चुनौती है. साल 2016 के चुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 37.9 फीसदी वोट मिला था, पर इस बार 10 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. इंडिया टुडे ग्रुप के कन्सल्टिंग एडिटर प्रभु चावला  कहते हैं कि बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस के जो वोटर थे, वह इस बार बीजेपी की तरफ शिफ्ट होता नजर आया है. राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार भी कहते हैं कि बंगाल का पूरा चुनाव ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस गठबंधन ऐसी स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था कि टीएमसी को चुनौती दे रहा है. इसी वजह से कांग्रेस-लेफ्ट का वोट लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में शिफ्ट हो गया है. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement