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ISF संग गठबंधन पर अभी साफ नहीं तस्वीर, जानें क्यों कांग्रेस की बंगाल रैली में शामिल नहीं हुए थे राहुल गांधी?

इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन के मसले पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आमने-सामने हैं. इस बीच बीते रविवार को कोलकाता में हुई कांग्रेस-लेफ्ट की संयुक्त रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ना शामिल होने की वजह भी शामिल आई है.

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (PTI)
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बंगाल चुनाव से पहले कांग्रेस में फंसा पेच
  • ISF के साथ गठबंधन पर स्थिति साफ नहीं

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में रार छिड़ी हुई है. इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन के मसले पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आमने-सामने हैं. इस बीच बीते रविवार को कोलकाता में हुई कांग्रेस-लेफ्ट की संयुक्त रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ना शामिल होने की वजह भी शामिल आई है.

गठबंधन पर अभी साफ नहीं है तस्वीर?
सूत्रों के मुताबिक, अभी कांग्रेस-लेफ्ट पार्टियों में सीट शेयरिंग पर साफ स्थिति नहीं बनी है इसके अलावा इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन पर भी अभी सबकुछ साफ नहीं है. यही कारण है कि रविवार को कोलकाता की रैली में राहुल गांधी नहीं आए थे. 

आपको बता दें कि कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों की संयुक्त रैली में ISF के अब्बास सिद्दीकी भी मंच पर मौजूद थे. अब्बास सिद्दीकी ने मंच से ही कहा था कि उनका समर्थन लेफ्ट को है, लेकिन कांग्रेस को साथ तब दिया जाएगा जब सीटों में हिस्सेदारी होगी.

सूत्रों की मानें, तो अभी गठबंधन को लेकर पार्टियों में चर्चा ही चल रही थी इसी बीच कोलकाता की रैली हो गई. यही कारण रहा कि कांग्रेस महासचिव जितिन प्रसाद ने रविवार को रैली में भाषण नहीं दिया था. 

गठबंधन के पक्ष में बंगाल कांग्रेस की यूनिट
अगर कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व की बात करें तो बंगाल यूनिट ISF के साथ गठबंधन के पक्ष में है. गठबंधन को लेकर बंगाल की कमेटी में अब्दुल मन्नान, अधीर रंजन चौधरी, प्रदीप भट्टाचार्य जैसे बड़े नाम शामिल हैं. बंगाल यूनिट ने केंद्रीय नेतृत्व को ISF के साथ गठबंधन के पक्ष में अपनी राय रख दी है. बंगाल में कांग्रेस पार्टी करीब 92 सीटों पर फाइट कर रही है.

इसी मसले पर कांग्रेस के अब्दुल मन्नान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी. बंगाल यूनिट के मुताबिक, राज्य के मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस पार्टी अपना आधार खो रही है. यही कारण है कि मुस्लिम वोटबैंक को एकजुट करने के लिए ISF जैसे दल के साथ गठबंधन पार्टी की मजबूरी बन गया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस-ISF के गठबंधन के मसले पर ही बीते दिनों आनंद शर्मा ने सवाल खड़ा किया था. आनंद शर्मा और अधीर रंजन चौधरी के बीच इस मसले पर ट्विटर वॉर भी छिड़ी हुई है.
 

 

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