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बंगाल: जिस लोकगायक के घर अमित शाह ने खाया था खाना, वो ममता के मंच पर पहुंच गए

देवी राधा और भगवान कृष्ण के प्रेम पर आधारित इस बांग्ला लोकगीत को बासुदेव बाउल ने 20 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गाया था. तब अमित शाह दो दिन के बंगाल दौरे पर थे और 20 दिसंबर को वे दोपहर का खाना खाने के लिए बासुदेव बाउल के घर में गए थे.

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लोकगायक बासुदेव बाउल (फोटो-एएनआई)
लोकगायक बासुदेव बाउल (फोटो-एएनआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमित शाह के मेजबान, ममता के मेहमान बने बासुदेव बाउल
  • शाह ने घर में खाया खाना, ममता ने मंच पर दी जगह
  • चुनाव से पहले BJP-TMC की लोकलुभावन पॉलिटिक्स

'तोमे ह्रदय माझरे राखबो, छेरे देबो ना' बीरभूम के लोकगायक बासुदेव बाउल ने पिछले 10 दिन में 2 अवसरों पर इस गीत को दो लोगों के लिए गाया. इस गीत का मतलब ये है कि 'मैं आपको हमेशा अपने दिल में रखूंगा, कभी नहीं छोड़ूगा.' गृह मंत्री अमित शाह की मेहमाननवाजी कर रहे बासुदेव बाउल ने पहले उनके लिए ये गीत गाया, फिर 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए उन्होंने यही गीत की पंक्तियां दोहराईं. सवाल ये है कि बंगाल के चुनावी मौसम में बासुदेव बाउल अपने दिल में किसको रखेंगे?  

देवी राधा और भगवान कृष्ण के प्रेम पर आधारित इस बांग्ला लोकगीत को बासुदेव बाउल ने 20 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गाया था. तब अमित शाह दो दिन के बंगाल दौरे पर थे और 20 दिसंबर को वे दोपहर का खाना खाने के लिए बासुदेव बाउल के घर में गए थे. बासुदेव बाउल ने अमित शाह समेत दूसरे बीजेपी नेताओं का भोजन परोसने से पहले ये गीत सुनाया फिर भोजन कराया. 

 

10 दिन गुजरते गुजरते बासुदेव बाउल ने इस गीत की धुन फिर छेड़ी. इस बार वह बीरभूम में वो ममता बनर्जी के मंच पर थे. पहले अमित शाह से नजदीकी अब ममता के मंच पर बासुदेव बाउल की मौजूदगी बंगाल की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है. ममता बनर्जी ने उन्हें वस्त्र भेंट किया और मंच पर अहम सीट दी.  

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बासुदेव बाउल ने ममता बनर्जी की प्रशंसा करते हुए आजतक से कहा कि हम सभी दीदी से प्यार करते हैं, दीदी ने हम सभी को बुलाया था इसलिए हम यहां हैं. अमित शाह से उनकी क्या बातचीत हुई इस बाबत पूछे जाने पर बासुदेव बाउल ने कहा कि हां गृहमंत्री उनके घर आए थे और खाना खाया. 

बासुदेव बाउल ने कहा, "वह व्यस्त व्यक्ति हैं, मैं उनसे कई बातें कहना चाहता था, लेकिन कह नहीं सका." वासुदेव बाउल के आंगन में अमित शाह की तस्वीरें भी खूब चर्चा में रही थीं. 

बता दें कि बासुदेव बाउल के घर अमित शाह के दौरे के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता पहुंचे थे. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम हाजरा ने कहा कि बासुदेव बाउल पर दबाव डालकर उन्हें ममता बनर्जी की रैली में आने पर मजबूर किया गया. 

साल 2017 में अमित शाह ने ऐसे दौरों की शुरूआत की थी. तब अमित शाह दार्जिलिंग जिले के नक्सलबारी ब्लॉक में राजू महली और गीता महली नाम के शख्स के घर खाना खाए थे. लेकिन इसके तुरंत बाद ये परिवार टीएमसी में शामिल हो गया था. यही नहीं गीता महली को पश्चिम बंगाल होम गार्ड में नौकरी भी मिल गई. इस बीच ये सवाल एक बार फिर मौजूं हो जाता है कि बंगाल के लोग आगामी चुनाव में अपने दिल में किसे रखेंगे. फिलहाल बासुदेव बाउल तो कहते हैं कि बाउल समुदाय सभी के लिए है और वे सभी के लिए गाएंगे. 

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