अमित शाह ने बंगाल दौरे के पहले दिन यानी शनिवार को मिदनापुर में किसान सनातन सिंह के घर भोजन किया तो आज दूसरे दिन दोपहर में अमित शाह बीरभूम में बाउल गायक के घर खाना खाने पहुंचे. अमित शाह ने एक बाउल गायक के घर बिल्कुल साधारण खाना खाया.
बीरभूम में अमित शाह वासुदेव बाउल के घर पहुंचे. यहां पहले बाउल गायकों ने पारंपरिक संगीत के साथ अमित शाह का स्वागत किया. इसके बाद अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता भोजन पर बैठे.
अमित शाह ने दूसरे बीजेपी नेताओं के साथ जमीन पर बैठकर दोपहर का भोजन किया. बीजेपी नेताओं को केले के पत्ते पर भोजन में चावल, दाल, रोटी, लौकी की तरकारी, खजूर की चटनी, खीर, मिठाई परोसी गई.
बता दें कि बाउल समुदाय की पश्चिम बंगाल में लगभग 5000 की आबादी है. इनका संगीत बंगाल में काफी लोकप्रिय है. राज्य सरकार इन्हें जीवन-यापन के लिए 2 हजार रुपये देती है. बंगाल की जनता इनके गीत संगीत पर नाचती-थिरकती है. इसलिए बीजेपी संख्या में कम इस समुदाय के साथ नजदीकियां बढ़ा रही है.
West Bengal: Union Home Minister & BJP leader Amit Shah & other party leaders including Mukul Roy & Dilip Ghosh having lunch at the residence of a Baul singer at Bolpur, Birbhum district. pic.twitter.com/cYuEdDGmsV
— ANI (@ANI) December 20, 2020
दरअसल बीजेपी बंगाल की स्थानीय संस्कृति और रीति रिवाजों को अपनाकर बंगाल के दिल में उतरने की कोशिश कर रही है. फिर यहां से बीजेपी को सत्ता का रास्ता तय करना है. इन उपायों के जरिए बीजेपी टीएमसी के उन आरोपों का भी जवाब दे रही है, जहां टीएमसी बार बार कहती आ रही है कि बीजेपी के लोग बाहरी हैं. यही वजह है कि अमित शाह बंगाली अस्मिता के तमाम नायकों को नमन कर रहे हैं. फिर इनमें स्वामी विवेकानंद, खुदीराम बोस, रबींद्रनाथ टैगोर क्यों न हो? सुभाष चंद्र बोस बीजेपी के नायकों में पहले ही शामिल हो चुके हैं. बीरभूम को लाल मिट्टी की भूमि भी कहते हैं. यहां पर लोकसभा की दो और विधानसभा की 11 सीटें हैं.