केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हाथ में हथियार रखने वालों का कोई मानवाधिकार नहीं होता. एक विशेष साक्षात्कार में शाह ने सवाल किया, 'कोई हाथ में हत्या रखे, ह्यूमन राइट्स है, एक कौन सी पुस्तक से ह्यूमन राइट्स की व्याख्या लाई है?' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नक्सलियों को वैचारिक या वित्तीय सहायता देने वाले बुद्धिजीवियों पर भी कार्रवाई होगी. अमित शाह ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि दीपावली के तुरंत बाद बातचीत फिर से शुरू हो सकती है.