बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनी हुई है. नीतीश सरकार ने इसे लागू किया था, लेकिन विपक्ष इसे असफल बताता रहा है. मौजूदा चुनावों की दहलीज पर भी शराबबंदी को लागू रखने या हटाने का मुद्दा स्पष्ट सुनाई दे रहा है.